सुबोध भाटी का ऐतिहासिक दोहरा शतक: T20 क्रिकेट में नया मील का पत्थर

T20 क्रिकेट में दोहरा शतक

टी20 क्रिकेट में दोहरा शतक हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रहा है। इस फॉर्मेट में शतक बनाना तो सामान्य हो गया है, लेकिन दोहरा शतक बनाना एक असाधारण उपलब्धि है। कई दिग्गज बल्लेबाज जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली, क्रिस गेल और डेविड वॉर्नर भी इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाए हैं।
हालांकि, 2021 में एक अनजान खिलाड़ी ने इस सपने को साकार किया। हम बात कर रहे हैं सुबोध भाटी की, जिन्होंने एक क्लब T20 मैच में ऐसा कारनामा किया, जो पहले कभी किसी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं किया।
सुबोध भाटी की शानदार पारी
2021 में दिल्ली में एक क्लब T20 मैच में सुबोध भाटी ने 79 गेंदों में 205 रन बनाए। उनकी इस पारी ने भारतीय क्रिकेट में हलचल मचा दी।
भाटी ने मैदान पर शानदार शॉट्स लगाए और गेंदबाजों को बुरी तरह से परेशान किया। उनकी इस पारी ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि ऐसी विस्फोटक बल्लेबाजी T20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भी दुर्लभ है।
259 का स्ट्राइक रेट और 34 बाउंड्री
इस पारी की एक और खास बात थी उनका 259.49 का स्ट्राइक रेट। रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने 17 चौके और 17 छक्के लगाए, जिससे उन्होंने बाउंड्री से ही 170 रन बनाए। यह प्रदर्शन किसी अंतरराष्ट्रीय मैच से कम नहीं था।
जब भी उनका बल्ला गेंद से टकराता, गेंद सीमा रेखा के बाहर जाती। इस तरह की बल्लेबाजी ने भाटी को रातों रात हीरो बना दिया और सोशल मीडिया पर उनकी पारी तेजी से वायरल हो गई।
इंटरनेशनल क्रिकेट में यह उपलब्धि क्यों महत्वपूर्ण है
यह ध्यान देने योग्य है कि आज तक T20 इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई भी बल्लेबाज दोहरा शतक नहीं बना पाया है। रोहित शर्मा, जिन्होंने T20I में चार शतक बनाए हैं, वे भी इस उपलब्धि से दूर हैं। विराट कोहली, जिनके नाम इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन हैं, वे भी इसे हासिल नहीं कर पाए। इस प्रकार, सुबोध भाटी का यह कारनामा, भले ही क्लब मैच में आया हो, लेकिन इसे क्रिकेट इतिहास में एक अनोखी उपलब्धि माना जाएगा।
सुबोध भाटी का करियर
सुबोध भाटी केवल एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ट ऑलराउंडर भी हैं। उन्होंने दिल्ली और उत्तराखंड के लिए फर्स्ट-क्लास और लिस्ट-ए क्रिकेट खेला है।
- फर्स्ट क्लास: 10 मैच, 201 रन और 22 विकेट।
- लिस्ट-ए: 29 मैच, 155 रन और 44 विकेट।
- टी20: 44 मैच, 139 रन और 52 विकेट।
यह रिकॉर्ड दिखाता है कि सुबोध केवल बल्ले से ही नहीं, बल्कि गेंद से भी टीम को संतुलन देते हैं। उनकी ऑलराउंड क्षमता ही उन्हें खास बनाती है।