रॉबिन सिंह: वेस्टइंडीज से भारत तक का क्रिकेट सफर

रॉबिन सिंह की कहानी

रॉबिन सिंह की कहानी: हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करे। लेकिन यह सपना कुछ ही खिलाड़ियों का पूरा होता है। कई खिलाड़ी अपने देश से बाहर जाकर दूसरे देशों में खेलकर अपनी पहचान बनाते हैं। भारतीय मूल के कई क्रिकेटरों ने ऐसा किया है।
आपने विदेशी क्रिकेटरों की कहानियाँ सुनी होंगी, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने वाले एक विदेशी खिलाड़ी की कहानी शायद ही आपको पता हो। भारत में क्रिकेट का जुनून इतना है कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना बहुत कठिन है। लेकिन एक ऐसा खिलाड़ी है, जिसने विदेशी होने के बावजूद टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई। हम बात कर रहे हैं रॉबिन सिंह की।
रॉबिन सिंह का परिचय
रॉबिन सिंह कौन हैं?
रॉबिन सिंह, जो अपनी बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग के लिए जाने जाते हैं, एक पूर्ण क्रिकेटर माने जाते थे। उनका जन्म 14 सितंबर 1963 को त्रिनिदाद के प्रिंसेस टाउन में हुआ था। वेस्टइंडीज की टीम में जगह बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि उस समय कई दिग्गज खिलाड़ी पहले से ही टीम में थे।
भारत में रॉबिन का सफर
भारत आने का निर्णय
रॉबिन ने 1980 के दशक में वेस्टइंडीज की टीम में जगह बनाना मुश्किल समझा। 1982 में, हैदराबाद ब्लूज नामक एक मेहमान टीम ने त्रिनिदाद का दौरा किया और रॉबिन के खेल से प्रभावित होकर उन्हें भारत आने का प्रस्ताव दिया।
भारत आने के बाद, रॉबिन ने मद्रास यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया। 1985 में उन्होंने तमिलनाडु के लिए रणजी डेब्यू किया, लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। एक साल बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 1987-88 में शानदार वापसी की।
रॉबिन का अंतरराष्ट्रीय करियर
टीम इंडिया में रॉबिन का प्रदर्शन
रॉबिन सिंह ने कुल 137 मैच खेले, जिनमें से 136 वनडे थे। उन्होंने वनडे में 25.95 की औसत से 2336 रन बनाए और 69 विकेट लिए। टेस्ट में उन्होंने 27 रन बनाए लेकिन कोई विकेट नहीं लिया।
FAQs
रॉबिन सिंह ने भारत आने का निर्णय क्यों लिया?
रॉबिन ने वेस्टइंडीज में जगह बनाना मुश्किल समझा और अपने क्रिकेट सपने को पूरा करने के लिए भारत आने का निर्णय लिया।
रॉबिन सिंह ने अपना आखिरी मैच कब खेला?
रॉबिन ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला।