रणजी ट्रॉफी में 50 गेंदों में 202 रन बनाने वाले क्रिकेटर की अद्भुत पारी

रणजी ट्रॉफी में भाऊसाहेब बाबासाहेब निम्बालकर ने 50 गेंदों में 202 रन बनाकर क्रिकेट की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस अद्भुत पारी में उन्होंने 49 चौके और 1 छक्का लगाया, जिससे उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। जानें इस ऐतिहासिक पारी के बारे में और निम्बालकर के क्रिकेट करियर की खास बातें।
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रणजी ट्रॉफी में 50 गेंदों में 202 रन बनाने वाले क्रिकेटर की अद्भुत पारी

रणजी ट्रॉफी में ऐतिहासिक पारी

रणजी ट्रॉफी में 50 गेंदों में 202 रन बनाने वाले क्रिकेटर की अद्भुत पारी


रणजी ट्रॉफी: भारतीय क्रिकेट टीम में स्थान बनाने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू मैचों में अपनी प्रतिभा दिखानी होती है। रणजी ट्रॉफी युवा खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। हर सीजन में कुछ अद्वितीय पारियां देखने को मिलती हैं।


आज हम आपको एक ऐसी पारी के बारे में बताएंगे, जिसमें एक खिलाड़ी ने केवल 50 गेंदों में 202 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। आइए जानते हैं इस खिलाड़ी और उनकी पारी के बारे में।


रणजी ट्रॉफी में 50 गेंदों में 202 रन


रणजी ट्रॉफी में 50 गेंदों में 202 रन बनाने वाले क्रिकेटर की अद्भुत पारी


जिस खिलाड़ी की हम चर्चा कर रहे हैं, वह हैं भाऊसाहेब बाबासाहेब निम्बालकर। उन्हें घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ पारियों के लिए जाना जाता है। 1948 में काठियावाड़ के खिलाफ उन्होंने 443 रन बनाए थे।


इस पारी में उन्होंने 49 चौके और 1 छक्का (4*49 + 6*1= 202) लगाए थे। उनकी 50 बाउंड्रीज ने ही उन्हें 202 रन तक पहुंचाया। रणजी ट्रॉफी में कई खिलाड़ियों ने दोहरे और तिहरे शतक बनाए हैं, लेकिन चार शतक लगाने का कारनामा केवल निम्बालकर ने ही किया था।


मैच का लेखा-जोखा


यह ऐतिहासिक मैच दिसंबर 1948 में पुणे में खेला गया था। काठियावाड़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और 76.1 ओवर में 238 रनों पर आउट हो गई। इसके जवाब में महाराष्ट्र ने 4 विकेट पर 826 रन बनाए और विजेता घोषित किया गया।


भाऊसाहेब का क्रिकेट करियर


भाऊसाहेब बाबासाहेब निम्बालकर एक ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू नहीं किया। उन्होंने केवल फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला और 80 मैचों में 118 पारियों में 47.93 की औसत से 4841 रन बनाए। उनके करियर में 12 शतक और 22 अर्धशतक शामिल हैं।