भारत की इंग्लैंड दौरे की शुरुआत में हार से बढ़ी चुनौती

भारत की इंग्लैंड दौरे की शुरुआत पहले टेस्ट में हार के साथ हुई, जिससे मुख्य कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस श्रृंखला का परिणाम गंभीर के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। भारत ने मैच में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अंतिम सत्र में हार का सामना करना पड़ा। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में युवा गेंदबाजों पर भरोसा जताते हुए गंभीर ने अपनी टीम का समर्थन किया। अब बर्मिंघम में वापसी की उम्मीद है।
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भारत की इंग्लैंड दौरे की शुरुआत में हार से बढ़ी चुनौती

पहला टेस्ट: भारत की हार और बढ़ता दबाव

भारत की इंग्लैंड यात्रा की शुरुआत पहले टेस्ट में हेडिंग्ले में एक नाटकीय हार के साथ हुई। मैच के कई हिस्सों में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया और 800 से अधिक रन बनाए, जिसमें पांच व्यक्तिगत शतक शामिल थे। फिर भी, अंतिम सत्र में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा।


यह हार भारत की पिछले नौ टेस्ट में से सातवीं हार थी, जिससे मुख्य कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ गया है। पूर्व भारतीय ओपनर और क्रिकेट विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने गंभीर पर बढ़ते दबाव के बारे में खुलकर बात की।


चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "गौतम गंभीर पर निश्चित रूप से बहुत दबाव है। यह तेजी से बढ़ रहा है।" उन्होंने गंभीर के टेस्ट रिकॉर्ड पर भी ध्यान दिया, जिसमें केवल दो जीत बांग्लादेश के खिलाफ और एक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ है, जबकि हारें लगातार आती जा रही हैं।


चोपड़ा ने यह भी कहा कि गंभीर की भूमिका का भविष्य इस श्रृंखला के परिणाम पर निर्भर कर सकता है। "अगर यह इंग्लैंड श्रृंखला ठीक नहीं होती, तो सवाल उठेंगे।"


हालांकि, गंभीर ने अपनी टीम का समर्थन किया है, खासकर युवा गेंदबाजी इकाई का। जसप्रीत बुमराह, जो हाल ही में पीठ की चोट से जूझ रहे हैं, केवल तीन टेस्ट में खेलेंगे।


गंभीर ने कहा, "हमें इस गेंदबाजी आक्रमण पर पूरा विश्वास है। वे कच्चे हैं, लेकिन वे हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे।"


अब जब श्रृंखला संतुलन में है, भारत बर्मिंघम में वापसी की कोशिश करेगा। एक और गलती से नेतृत्व और दिशा के सवाल और भी बढ़ सकते हैं।