भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज: मैनचेस्टर में चौथा मैच महत्वपूर्ण

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का चौथा मैच मैनचेस्टर में खेला जाएगा। भारत के लिए यह मैच जीतना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे वे सीरीज को बराबर कर सकते हैं। मैनचेस्टर में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड कमजोर रहा है, जहां उन्हें अब तक कोई जीत नहीं मिली है। जानें इस मैच की अहमियत और भारत के पिछले प्रदर्शन के बारे में।
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भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज: मैनचेस्टर में चौथा मैच महत्वपूर्ण

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का रोमांच

इंग्लैंड में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है, जिसमें भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला खेली जा रही है। इस श्रृंखला का चौथा टेस्ट बुधवार को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में शुरू होगा। इंग्लैंड ने हेडिंग्ले और लॉर्ड्स में जीत हासिल कर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है।


भारत के लिए चौथा टेस्ट जीतना जरूरी

अब भारतीय टीम के लिए यह चौथा टेस्ट जीतना बेहद महत्वपूर्ण है ताकि वे सीरीज को बराबर कर सकें। हालांकि, शुभमन गिल और उनकी टीम के लिए यह कार्य आसान नहीं होगा, क्योंकि यह मैच उस स्थान पर हो रहा है जहां भारत को अब तक कोई टेस्ट जीत नहीं मिली है। कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस मैदान पर जीतने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके।


मैनचेस्टर में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड

भारत ने मैनचेस्टर में अपना पहला टेस्ट 1936 में खेला था। पिछले 89 वर्षों में, भारत ने इस मैदान पर कुल 9 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से एक भी जीत नहीं मिली है। भारत को 4 बार हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 5 मैच ड्रॉ रहे हैं। इस बार भारतीय टीम के पास इतिहास बदलने का अवसर है। यदि वे जीत हासिल करते हैं, तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी, और फिर ओवल में होने वाला अंतिम टेस्ट निर्णायक साबित होगा।


मैनचेस्टर में भारत के टेस्ट मैचों के परिणाम

1936- ड्रॉ (कप्तान- विजयनगरम के महाराजा)


1946- ड्रॉ (कप्तान- इफ्तिखार अली खान पटौदी)


1952- पारी और 207 रन से हार (कप्तान- विजय हजारे)


1959- 171 रन से हार (कप्तान- दत्ता गायकवाड़)


1971- ड्रॉ (कप्तान- अजीत वाडेकर)


1974- 113 रन से हार (कप्तान- अजित वाडेकर)


1982- ड्रॉ (कप्तान- सुनील गावस्कर)


1990- ड्रॉ (कप्तान- मोहम्मद अजहरुद्दीन)


2014- पारी और 54 रन से हार (कप्तान- एमएस धोनी)