प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना से मछली पालन को मिलेगा नया आयाम

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि -सह- योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र को बीमा सुरक्षा देने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य मीठे जल में देशी मछलियों के पालन को प्रोत्साहित करना है, जिससे मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी। एनएफडीपी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है, और किसानों को बीमा प्रीमियम पर प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। योजना में मूलभूत और व्यापक बीमा विकल्प उपलब्ध हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं और मछलियों में रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना से मछली पालन को मिलेगा नया आयाम

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का लाभ

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि -सह- योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र को बीमा सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत मीठे जल में देशी मछलियों जैसे कतला, कॉमन कार्प, मृगल, रोहु, और सिल्वर कार्प का पालन करने वाले मत्स्य पालकों के लिए एनएफडीपी पोर्टल पर जल कृषि बीमा योजना के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस पहल से मछली पालकों का सशक्तिकरण होगा और उनकी आय में वृद्धि की उम्मीद है।


बीमा योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ एक्वाकल्चर किसानों, मत्स्य पालकों, केजकल्चर से जुड़े कृषकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी संस्थाओं और छोटे उद्यमियों को मिलेगा। बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए मत्स्य कृषकों को एनएफडीपी पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। योजना की विस्तृत जानकारी जिलों के जिला मत्स्य कार्यालयों से प्राप्त की जा सकती है।


बीमा के प्रकार और सुरक्षा

इस योजना में दो प्रकार के बीमा विकल्प उपलब्ध हैं: मूलभूत बीमा और व्यापक बीमा। मूलभूत बीमा प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात, प्रदूषण और सूखे से सुरक्षा प्रदान करता है। वहीं, व्यापक बीमा में मछलियों में रोगों से उत्पन्न अतिरिक्त जोखिमों को भी कवर किया जाता है।


प्रोत्साहन राशि का प्रावधान

जो कृषक बीमा प्रीमियम का भुगतान कर बीमा पॉलिसी खरीदते हैं, उन्हें प्रीमियम राशि का 40 प्रतिशत वन टाइम इंटेंसिव के रूप में प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस योजना के तहत अधिकतम प्रोत्साहन राशि 1 लाख रुपये है। छोटे किसानों को यह लाभ प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए अतिरिक्त 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि, यानी कुल 1.10 लाख रुपये प्रदान किया जाएगा।