पत्नी ने तलाक के बदले मांगी अनोखी इच्छा, कोर्ट में मच गया हंगामा

एक अनोखे तलाक के मामले में, पत्नी ने अपने पति से तलाक के बदले एक बच्चा मांगा, जिससे कोर्ट में सन्नाटा छा गया। यह मामला न केवल लोगों को चौंकाने वाला है, बल्कि जज भी इसकी कहानी सुनकर हैरान रह गए। जानें इस अनोखी मांग के पीछे की कहानी और कोर्ट का फैसला।
 | 
पत्नी ने तलाक के बदले मांगी अनोखी इच्छा, कोर्ट में मच गया हंगामा

तलाक का अनोखा मामला


जब पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ जाता है कि बातचीत से हल नहीं होता, तो तलाक का रास्ता अपनाया जाता है। तलाक के बाद दोनों का रिश्ता समाप्त हो जाता है और वे एक-दूसरे से अंजान हो जाते हैं। इस संदर्भ में, देशभर के फैमिली कोर्ट में कई तलाक के मामले चल रहे हैं, जिनमें से एक मामला बेहद अनोखा सामने आया है। इस मामले ने न केवल लोगों को चौंकाया है, बल्कि जज भी इसकी कहानी सुनकर हैरान रह गए।


पत्नी की अनोखी मांग

पत्नी ने तलाक के बदले मांगी अनोखी इच्छा, कोर्ट में मच गया हंगामा


महाराष्ट्र के नांदेड़ फैमिली कोर्ट में एक दंपत्ति का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्नी ने तलाक के बदले अपने पति से एक अनोखी चीज़ मांगी, जिससे कोर्ट में सन्नाटा छा गया। पति तलाक लेना चाहता था, जिसके चलते पत्नी ने पैसे के अलावा एक ऐसी मांग रखी, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। हालांकि, कोर्ट ने दंपत्ति का नाम गोपनीय रखा है, लेकिन दोनों पेशे से डॉक्टर हैं।


बच्चे की इच्छा

इस दंपत्ति का मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पति से एक बच्चा चाहती है। जी हां, उसने कहा कि वह तलाक से पहले गर्भवती होना चाहती है। इस मांग ने कोर्ट में हलचल मचा दी। दंपत्ति के पहले से एक बच्चा है, लेकिन पत्नी का मानना है कि वह अपने पहले बच्चे को भाई या बहन देना चाहती है।


IVF प्रक्रिया का सहारा

महिला की इस मांग को सुनकर कोर्ट ने उसे मां बनने की अनुमति दे दी। इस बार वह IVF तकनीक का उपयोग करके गर्भवती होगी। यह प्रक्रिया बिना शारीरिक संबंध के भी संभव है, जिसमें केवल पुरुष के शुक्राणु की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह प्रक्रिया महंगी है, इसलिए कोर्ट ने महिला को इसका खर्च खुद उठाने का आदेश दिया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।


परवरिश की जिम्मेदारी

महिला ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने दूसरे बच्चे की परवरिश खुद करेगी और इसके लिए अपने पति से कोई आर्थिक सहायता नहीं लेगी। कोर्ट ने महिला के अधिकार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया कि वह तलाक से पहले एक और बच्चे की मांग कर सकती है।