दुबई में भारतीयों का प्रॉपर्टी निवेश: 84 हजार करोड़ का रिकॉर्ड
दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने का बढ़ता चलन
दुबई में घर खरीदना है सस्ता
वर्तमान में, मुंबई में एक 2BHK फ्लैट की औसत कीमत 2 करोड़ रुपये, बेंगलुरु में 1.5 करोड़ और दिल्ली-NCR में 1.25 से 1.80 करोड़ रुपये है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी कीमत में दुबई में आपको फ्लैट मिल सकता है? 2024 में भारतीयों ने दुबई में 35 बिलियन दिरहम से अधिक का निवेश किया है। आइए जानते हैं कि भारतीय लोग अपने देश को छोड़कर दुबई में प्रॉपर्टी क्यों खरीद रहे हैं?
दुबई की प्रॉपर्टी मार्केट तेजी से विकसित हो रही है। भारत और अन्य देशों के निवेशक वहां बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुबई की रियल एस्टेट मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। 2024 के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अब दुबई के रियल एस्टेट में सबसे बड़े विदेशी निवेशक बन गए हैं, जो ब्रिटेन के निवेशकों को भी पीछे छोड़ चुके हैं। विदेशी लेनदेन का 22 से 23 प्रतिशत हिस्सा भारतीयों का है। टेस्ला प्रॉपर्टीज के सेल्स डायरेक्टर अनिल बाल्यान के अनुसार, भारतीय निवेशकों का दुबई के रियल एस्टेट में स्थान कई वर्षों से शीर्ष तीन में बना हुआ है।
84 हजार करोड़ का निवेश
2024 में भारतीयों ने दुबई में 35 बिलियन दिरहम, यानी 84 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। दुबई का कुल रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन 411 बिलियन दिरहम तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। 2025 के पहले छह महीनों में यह आंकड़ा 431 बिलियन दिरहम तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल 25% की वृद्धि दर्शाता है।
हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दिवाली-2024 के फेस्टिव सीजन में भारत से इंक्वायरी और बुकिंग में जबरदस्त वृद्धि हुई। दुबई की प्रॉपर्टी फर्मों ने विशेष दिवाली प्रमोशन के साथ 1% मासिक भुगतान योजना की पेशकश की। Danube Group ने दिवाली के दौरान 0.5 प्रतिशत मासिक भुगतान योजना भी शुरू की। 2015 से 2023 के बीच भारतीयों ने दुबई के रियल एस्टेट में 120 बिलियन दिरहम से अधिक का निवेश किया है। यह केवल मेट्रो शहरों के लोग नहीं हैं, बल्कि छोटे शहरों से भी निवेशक दुबई की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
कर-मुक्त माहौल का सबसे बड़ा फायदा
दुबई में प्रॉपर्टी निवेश का सबसे बड़ा आकर्षण वहां का टैक्स-फ्री माहौल है। दुबई में कोई इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स या कैपिटल गेन टैक्स नहीं है। भारत में प्रॉपर्टी बेचने पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है, लेकिन दुबई में आपकी पूरी कमाई टैक्स-फ्री रहती है।
भारत में प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टैंप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस और प्रॉपर्टी टैक्स हर साल देना पड़ता है। मुंबई में स्टांप ड्यूटी 5 से 6 प्रतिशत तक हो सकती है। जबकि दुबई में केवल 4 प्रतिशत ट्रांसफर फीस लगती है, और बार-बार टैक्स नहीं देना पड़ता। रियल एस्टेट एक्सपर्ट अनिल बाल्यान के अनुसार, दुबई में औसत प्रॉपर्टी लेनदेन 2 मिलियन दिरहम के आसपास है। मुंबई और गुरुग्राम में प्रॉपर्टीज अक्सर दुबई से महंगी होती हैं, जबकि बेंगलुरु की कीमतें लगभग समान हैं। प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के साथ स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस जैसे खर्चों ने कई खरीदारों को विदेशों में विकल्प तलाशने पर मजबूर कर दिया है।
किराए में जमीन आसमान का फर्क
दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने की एक और बड़ी वजह है उच्च किराए की आय। दुबई में किराया 6 से 11 प्रतिशत तक मिल रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। भारत के मेट्रो शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों के मुकाबले किराया बहुत कम है। मुंबई में 2 से 4%, बेंगलुरु में 3 से 5%, और दिल्ली में 2 से 4% तक किराया मिलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदकर अच्छी रेंटल इनकम कमाना चाहता है, तो दुबई में प्रॉपर्टी खरीदना अधिक लाभकारी है क्योंकि वहां रेंटल यील्ड 7 से 10 प्रतिशत के बीच है।
नीति, जीवनशैली और वीजा ऑप्शन
दुबई में यूएई सरकार ने विदेशी निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियाँ बनाई हैं। विज़िटिंग-वीज़ा, इन्वेस्टर-वीज़ा विकल्प और आसान नियमावली ने प्रॉपर्टी खरीदने को सरल बना दिया है। जीवनशैली के दृष्टिकोण से, दुबई सुरक्षित है, उच्च गुणवत्ता का बुनियादी ढांचा है, और रिहायशी इलाकों का बाजारों से बेहतर संबंध है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई छोटे शहरों के भारतीय अब दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, क्योंकि वहां मूल्य के लिए अधिक मिलता है।
जोखिम और चुनौतियां
हालांकि, दुबई में अवसर बहुत हैं, लेकिन जोखिम भी कम नहीं हैं। रेटिंग एजेंसी फिच ने 2025-26 में अतिरिक्त सप्लाई के कारण कीमतों में 15% की संभावित गिरावट की चेतावनी दी है। दुबई का बाजार पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता पर बहुत निर्भर करता है, इसलिए किसी भी व्यवधान का रियल एस्टेट पर सीधा असर हो सकता है।
भारत vs दुबई?
भारत में भी रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन यहां चुनौतियां हैं। जैसे बुनियादी टैक्स, प्राधिकरणों की देरी, और रेंट-यील्ड का कम होना। वहीं दुबई इस मामले में बेहतर है। लेकिन भारत का बड़ा प्लस पॉइंट है। घरेलू पूंजी, सामाजिक जड़ें, और लॉन्ग-टर्म दृष्टिकोण। हालांकि, यह विकल्प अब केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि रणनीतिक बन गया है।
