दक्षिण अफ्रीका के कोच के विवादास्पद बयान ने टेस्ट सीरीज में बढ़ाई गर्मी
दक्षिण अफ्रीका के कोच शुक्री कॉनराड के एक विवादास्पद बयान ने भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट श्रृंखला में हलचल मचा दी है। उन्होंने भारतीय टीम से 'ग्रोवेल' करने की बात कही, जो क्रिकेट के इतिहास में पहले भी विवाद का कारण बन चुका है। पूर्व क्रिकेटर पार्थिव पटेल ने इस पर नाराज़गी जताई है और कहा है कि ऐसे शब्द खेल की भावना के खिलाफ हैं। जानें इस मामले में अन्य विशेषज्ञों की राय और कॉनराड की संभावित प्रतिक्रिया।
| Nov 26, 2025, 22:09 IST
कोच का विवादास्पद बयान
दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट कोच शुक्री कॉनराड के एक शब्द ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही टेस्ट श्रृंखला में हलचल मचा दी है। चौथे दिन के खेल के बाद, उन्होंने भारतीय टीम से 'ग्रोवेल' करने की इच्छा व्यक्त की, जिसका अर्थ है झुककर संघर्ष करना। यह शब्द क्रिकेट के इतिहास में पहले भी विवाद का कारण बन चुका है, जिससे उनके बयान पर तीव्र प्रतिक्रियाएं आई हैं।
इतिहास में विवादित शब्द
यह वही शब्द है जिसे इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टोनी ग्रेग ने 1976 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ कहा था, जिसके परिणामस्वरूप कैरेबियाई टीम ने श्रृंखला 3-0 से जीत ली थी। कॉनराड द्वारा इस शब्द का पुनः उपयोग कई पूर्व क्रिकेटरों को असंवेदनशील लगा है।
पार्थिव पटेल की प्रतिक्रिया
स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में इस विषय पर चर्चा करते हुए, पार्थिव पटेल ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कॉनराड को यह समझना चाहिए था कि उनका बयान किस तरह का संदेश भेजता है। पटेल ने यह भी कहा कि ऐसे शब्द खेल की भावना के खिलाफ हैं और उन्हें उम्मीद है कि कॉनराड माफी मांगेंगे।
भारतीय टीम का सम्मान
पटेल ने कहा, “शायद दक्षिण अफ्रीका के कोच को इस शब्द का इतिहास नहीं पता, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। उन्होंने इसे बोलते समय हल्की मुस्कान दी। यह भारतीय टीम के लिए सम्मानजनक नहीं था। हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, लेकिन ऐसी भाषा का कोई स्थान नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय टीम को यह स्पष्ट करना चाहिए कि दक्षिण अफ्रीका ने अच्छा क्रिकेट खेलकर यह स्थिति बनाई, लेकिन ऐसी टिप्पणियों की आवश्यकता नहीं थी।
विशेषज्ञों की राय
इस टिप्पणी के बाद, होस्ट ब्रॉडकास्टर ने अनिल कुंबले, चेतेश्वर पुजारा और आकाश चोपड़ा से भी राय ली, जिन्होंने इसे गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया गया शब्द बताया। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि दो टीमों के बीच मुकाबला चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, सम्मान और भाषा का ध्यान रखना आवश्यक है, विशेषकर जब किसी शब्द का अतीत इतना संवेदनशील हो।
आगे की स्थिति
अब यह देखना होगा कि कॉनराड अपने बयान पर सफाई देते हैं या माफी मांगते हैं, क्योंकि भारतीय पूर्व खिलाड़ियों की नाराज़गी स्पष्ट है।
