डिजिटल गोल्ड बनाम फिजिकल गोल्ड: धनतेरस पर कौन सा विकल्प बेहतर है?
सोने में निवेश का महत्व
भारत में सोना केवल आभूषण के लिए नहीं, बल्कि निवेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण साधन है। धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों पर लोग पारंपरिक रूप से सोने के आभूषण, सिक्के और बार खरीदते हैं। हाल के वर्षों में, डिजिटल गोल्ड यानी ऑनलाइन सोने की खरीदारी का चलन तेजी से बढ़ा है। आइए जानते हैं कि बढ़ती कीमतों के बीच आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है।
फिजिकल गोल्ड के फायदे और नुकसान
फिजिकल गोल्ड, जैसे आभूषण, सिक्के या सोने की बार, का अपना एक अलग आकर्षण होता है। इसे पहनना या उपहार में देना संभव है, और इसकी कीमत बढ़ने पर लाभ भी होता है। हालांकि, इसमें मेकिंग चार्ज, जीएसटी और लॉकर चार्ज जैसे अतिरिक्त खर्च शामिल होते हैं। इसके अलावा, चोरी का खतरा भी होता है, जो आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकता है।
डिजिटल गोल्ड के लाभ
डिजिटल गोल्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे केवल 10 रुपये से खरीदा जा सकता है। इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं होता और यह सुरक्षित तिजोरियों में रखा जाता है। आपके पास इसका डिजिटल प्रमाण होता है, और आप इसे 24×7 ऑनलाइन बेच सकते हैं। यदि आप छोटी राशि से निवेश करना चाहते हैं और तुरंत तरलता की आवश्यकता है, तो डिजिटल गोल्ड एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
कुल लागत की तुलना
डिजिटल गोल्ड पूरी तरह से मुफ्त नहीं है, इसमें 3% जीएसटी और कभी-कभी 0.30-0.4% तक वार्षिक शुल्क भी लगता है। ये शुल्क पारदर्शी और अनुमानित होते हैं। दूसरी ओर, फिजिकल गोल्ड मेकिंग चार्ज, जीएसटी और लॉकर शुल्क के कारण महंगा हो जाता है। इसलिए छोटे निवेशकों के लिए डिजिटल गोल्ड अधिक सुलभ और किफायती हो सकता है।
बड़ी राशि के निवेश में कौन सा बेहतर?
यदि आप ₹2-3 लाख या उससे अधिक की राशि सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो फिजिकल गोल्ड की बार या सिक्के अधिक किफायती हो सकते हैं, बशर्ते वे विश्वसनीय स्रोत से हों। लेकिन यदि आप ₹100 से लेकर ₹10,000 तक की राशि नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो डिजिटल गोल्ड आपकी सुविधा और तरलता के लिए उपयुक्त विकल्प है।
तरलता की दृष्टि से
डिजिटल गोल्ड का सबसे बड़ा लाभ इसकी तात्कालिक बांड-करेक्शन क्षमता है। आप ऐप या वेबसाइट के माध्यम से तुरंत बेच सकते हैं और पैसे अपने बैंक खाते में ले सकते हैं। इसके विपरीत, फिजिकल गोल्ड बेचने पर आपको शुद्धता परीक्षण, मूल्य कटौती और बायबैक समय जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए तरलता के मामले में डिजिटल गोल्ड आगे है।
सुरक्षा और विश्वसनीयता
डिजिटल गोल्ड तिजोरियों में सुरक्षित रखा जाता है और स्वतंत्र ऑडिट से गुजरता है। निवेशक को चोरी या लॉकर की चाबियों की चिंता नहीं होती। हालांकि, सुरक्षा की जिम्मेदारी उस प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता पर निर्भर करती है। वहीं, फिजिकल गोल्ड आपके पास होने के कारण चोरी, नुकसान या रखरखाव के जोखिम से जुड़ा रहता है।