टी20 सेट-अप में बदलाव: शुभमन गिल की चोट और टीम इंडिया की नई रणनीति
टी20 सेट-अप में हलचल
इन दिनों टीम इंडिया के टी20 सेट-अप में काफी गतिविधियाँ हो रही हैं। बुधवार सुबह, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टी20 मैच से पहले चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर का अचानक लखनऊ दौरा और उसी दिन शाम को उपकप्तान शुभमन गिल के बाहर होने की खबर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, गिल को चौथे मैच से ठीक पहले दाहिने पैर में इम्पैक्ट इंजरी हुई, जिसके कारण वह बाकी टी20 मुकाबलों से बाहर हो गए।
टीम प्रबंधन की रणनीति
हालांकि यह चोट सामान्य लग सकती है, लेकिन टीम इंडिया के अंदर की स्थिति कुछ और ही बयां करती है। टीम प्रबंधन पहले से ही टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए शीर्ष क्रम में बदलाव की योजना बना रहा था। गिल के लगातार रन न बना पाने के कारण उन्हें ओपनिंग से हटाने पर विचार किया जा रहा था, और इसी क्रम में संजू सैमसन को अहमदाबाद में होने वाले पांचवें टी20 में फिर से पारी की शुरुआत करते देखा जाएगा।
आईपीएल के बाद की समीक्षा
आईपीएल के बाद से ही टीम प्रबंधन और चयनकर्ता टी20 विश्व कप की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उस समय गिल को भविष्य का ऑल-फॉर्मेट लीडर मानते हुए उन्हें टी20 टीम में एक स्पष्ट भूमिका दी गई थी। विकेटकीपर बल्लेबाजों को मिडिल ऑर्डर में खेलने की रणनीति बनाई गई थी, जिसके तहत आईपीएल में संजू सैमसन और ऋषभ पंत अपने पसंदीदा स्थान से नीचे बल्लेबाजी करते नजर आए।
गिल की स्थिति और टीम का दृष्टिकोण
गिल को पिछले आठ महीनों में यह स्पष्टता मिली थी कि उन्हें किस फॉर्मेट में कहां बल्लेबाजी करनी है। फिर भी, रन न बनने की स्थिति में टीम प्रबंधन ने सख्त रुख अपनाया। मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम प्रबंधन ड्रेसिंग रूम में सुपरस्टार कल्चर को बढ़ावा नहीं देना चाहता, और गिल का बाहर होना इसी सोच का एक उदाहरण माना जा रहा है।
टीम की रणनीतिक अस्पष्टता
इस फैसले के साथ टीम की रणनीतिक अस्पष्टता भी सामने आई है। गिल को टी20 में ओपनर के रूप में इस सोच के साथ खिलाया गया था कि वह पारी को संभालते हुए रन गति बनाए रखेंगे, जैसा कि विराट कोहली करते आए हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, गिल खुद इस दबाव में आ गए कि उन्हें आक्रामक भी खेलना है और पारी को थामना भी है। इस असमंजस का असर न केवल उनके खेल पर पड़ा, बल्कि टीम की पावर-हिटिंग पर भी प्रभाव पड़ा है।
कप्तान और गिल का फॉर्म
सूत्रों का कहना है कि कप्तान सूर्यकुमार यादव और गिल दोनों के फॉर्म में गिरावट के कारण अन्य बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल पाए, जिससे स्ट्राइक रेट प्रभावित हुआ है। विकेटकीपर बल्लेबाज के ऊपर बल्लेबाजी करने से अब टीम को अतिरिक्त पावर-हिटिंग का विकल्प मिला है, जिससे संतुलन थोड़ा बेहतर दिख रहा है।
भविष्य की योजनाएँ
2024 टी20 विश्व कप के बाद टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने वाले गिल, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल भी आगामी टी20 विश्व कप टीम में जगह नहीं बना सके हैं। इसके चलते टीम प्रबंधन को लंबे समय बाद ईशान किशन को फिर से योजना में शामिल करना पड़ा है।
स्थिरता की तलाश
अजीत अगरकर और गौतम गंभीर भविष्य के लिए एक स्थिर टीम बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भूमिकाओं को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। चयन से यह भी संकेत मिलते हैं कि भविष्य के नेतृत्व को लेकर बनाई गई योजना फिलहाल पटरी से उतर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि टी20 विश्व कप के बाद और भी बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, और भले ही सूर्यकुमार यादव का टूर्नामेंट अच्छा जाए, नेतृत्व को लेकर नए सिरे से सोच की जा सकती है।
टीम का संतुलन
हालांकि टीम कागजों पर संतुलित दिखती है, लेकिन खिलाड़ियों को लचीलापन के नाम पर लगातार भूमिका बदलने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज में टीम प्रबंधन किसी स्थायी योजना पर अंतिम मुहर लगा पाता है या नहीं।
