गेहूं और बेसन की रोटी: सेहत के लिए फायदेमंद विकल्प

स्वास्थ्यवर्धक रोटी बनाने के तरीके
स्वास्थ्य टिप्स: भारतीय घरों में आमतौर पर लंच या डिनर में गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाई जाती हैं। देशभर में लोग इसे पसंद करते हैं। लेकिन, यदि आप इसे और अधिक पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो इसमें बेसन, यानी काले चने का आटा मिलाकर रोटी बना सकते हैं। इससे रोटी अधिक फायदेमंद और पौष्टिक बनती है। इस तरह की रोटी खाने से आपको दोनों अनाजों के पोषक तत्व मिलेंगे और कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होंगे। यदि आप बाजार से आटा खरीदने के बजाय घर पर गेहूं पिसवाते हैं, तो काले चने का आटा भी पिसवा लें। जब भी रोटी बनाने का मन हो, इन दोनों आटे को समान मात्रा में मिलाकर गूंथ लें और रोटी बनाकर खाएं। आइए जानते हैं काले चने और गेहूं के आटे को मिलाकर रोटी खाने के क्या लाभ हैं।
बेसन और गेहूं के आटे की रोटी के लाभ:
1. जब आप सामान्य गेहूं के आटे में किसी अन्य अनाज का आटा मिलाते हैं, तो यह अधिक पौष्टिक हो जाती है। इससे आटे में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। आप गेहूं के आटे में बेसन या अन्य दाल का आटा मिलाकर इसे उच्च प्रोटीन बना सकते हैं। इससे न केवल शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, बल्कि वजन भी कम होता है।
2. जब आप आटे में बेसन मिलाते हैं, तो इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा दोगुनी हो जाती है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर रहता है। कम कैलोरी और उच्च फाइबर के कारण आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम होता है।
3. काले चने से बना आटा या बेसन डायबिटीज में भी लाभकारी होता है। यदि आप बेसन की रोटी का सेवन करते हैं, तो शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। यदि आपको केवल बेसन की रोटी का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसे गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं।
4. काले चने में प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, आयरन और विटामिन होते हैं। गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी बनाने से पेट से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं। यदि आप कब्ज से परेशान हैं, तो गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी बनाएं और खाएं। आपको लाभ मिलेगा।
5. यदि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ है, तो गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी बनाएं। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर नहीं बढ़ता है, जिससे आप दिल की बीमारियों से भी बच सकते हैं।