गरीब किसान के बेटे की प्रेरणादायक कहानी: आईपीएस प्रेमसुख डेलू

कड़ी मेहनत और लगन से मिली सफलता
कुछ करने की ललक हो तो कोई भी बाधा नहीं रोक सकती आपके क़दम, गरीब किसान के लड़के की कहानी बयाँ करती है कुछ ऐसा ही …

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने फिल्म 'ॐ शांति ॐ' नहीं देखी होगी। इस फिल्म में शाहरुख़ ख़ान का एक प्रसिद्ध डायलॉग है, "अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है।" यह विचार लॉ ऑफ अट्रैक्शन से जुड़ा है, जो बताता है कि हमारी सोच और कार्य हमारे भविष्य को आकार देते हैं।

आज हम एक ऐसे व्यक्ति की कहानी साझा कर रहे हैं, जिसने अपनी मेहनत और सकारात्मक सोच से असाधारण सफलता प्राप्त की है। यह कहानी एक गरीब किसान के बेटे की है, जिसने कठिनाइयों का सामना करते हुए 12 सरकारी नौकरी की परीक्षाएं पास कीं।

इस प्रेरणादायक व्यक्ति का नाम आईपीएस प्रेमसुख डेलू है, जो राजस्थान के बीकानेर जिले के एक छोटे से गांव 'रासीसर' से हैं। वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और उनके पिता एक किसान हैं।

परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिससे प्रेमसुख को पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता की खेती में मदद करनी पड़ी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की और बाद में बीकानेर के डूंगर कॉलेज से 12वीं कक्षा पास की।

प्रेमसुख ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जहां उन्होंने इतिहास में गोल्ड मेडल जीता। हालांकि, उनकी राह में कई बाधाएं आईं, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उनकी पढ़ाई का समर्थन किया।
प्रेमसुख ने 2010 में पटवारी की परीक्षा पास की और बीकानेर में पटवारी के रूप में कार्यरत हुए। इसके बाद उन्होंने कई अन्य परीक्षाएं भी पास कीं, जिसमें असिस्टेंट जेलर और शिक्षक की नौकरी शामिल है।

टीचर की नौकरी करते हुए उन्होंने तहसीलदार की परीक्षा भी पास की और यूपीएससी की तैयारी शुरू की। प्रेमसुख ने बताया कि नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी करना बहुत कठिन था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
उन्होंने 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और 170वीं रैंक प्राप्त की, साथ ही हिंदी माध्यम के छात्रों में तीसरे स्थान पर रहे। प्रेमसुख की कहानी यह दर्शाती है कि अगर आपके अंदर कुछ करने का जज़्बा है, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।