कोच गंभीर ने कहा, इस खिलाड़ी की पहली सीरीज ही आखिरी साबित हो सकती है

भारतीय क्रिकेट में साई सुदर्शन की पहली टेस्ट सीरीज उनके लिए निराशाजनक साबित हुई है। कोच गंभीर ने उनके प्रदर्शन पर चिंता जताई है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह उनकी पहली और आखिरी सीरीज होगी। साई ने इंग्लैंड दौरे पर 6 पारियों में केवल 140 रन बनाए, जिसमें कई बार वह खाता भी नहीं खोल सके। कोच गंभीर की कड़ी नजरों के चलते, साई को अगली सीरीज में मौका मिलना मुश्किल हो सकता है। जानें पूरी कहानी और कोच के फैसले के पीछे की वजह।
 | 
कोच गंभीर ने कहा, इस खिलाड़ी की पहली सीरीज ही आखिरी साबित हो सकती है

कोच गंभीर की कड़ी नजर

कोच गंभीर ने कहा, इस खिलाड़ी की पहली सीरीज ही आखिरी साबित हो सकती है

कोच गंभीर - भारतीय टेस्ट टीम में घरेलू क्रिकेट और IPL में शानदार प्रदर्शन के आधार पर शामिल किए गए इस खिलाड़ी का इंग्लैंड दौरा किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। जिस खिलाड़ी से भारतीय टीम को बड़ी उम्मीदें थीं, वह 3 मैचों की 6 पारियों में उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। अब चर्चा है कि कोच गंभीर उन्हें दोबारा टेस्ट टीम में मौका नहीं देंगे। आइए जानते हैं कौन है यह खिलाड़ी। 


साई सुदर्शन का डेब्यू

साई सुदर्शन को लीड्स में मिला डेब्यू का मौका

कोच गंभीर ने कहा, इस खिलाड़ी की पहली सीरीज ही आखिरी साबित हो सकती है23 वर्षीय साई सुदर्शन को इंग्लैंड दौरे की टेस्ट सीरीज में लीड्स टेस्ट से डेब्यू का मौका मिला था। वह भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 317वें खिलाड़ी बने। साई ने अपने करियर की शुरुआत निराशाजनक तरीके से की, क्योंकि पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए, वहीं दूसरी पारी में भी सिर्फ 30 रन ही बना पाए। ऐसे में कोच गंभीर, जो युवा खिलाड़ियों को मौके देने के पक्षधर माने जाते हैं, शायद इस शुरुआत से निराश हो गए थे। 


मैनचेस्टर में वापसी

मैनचेस्टर में वापसी लेकिन फिर वही कहानी

बर्मिंघम से बाहर होने के बाद साई सुदर्शन को मैनचेस्टर टेस्ट में करुण नायर की जगह दोबारा मौका मिला। इस बार उन्होंने पहले ही मौके को भुनाते हुए 61 रन की पारी खेली और अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक जमाया। लेकिन दूसरी पारी में वह बिना खाता खोले पहली ही गेंद पर आउट हो गए।


ओवल टेस्ट में प्रदर्शन

ओवल टेस्ट में फिर फ्लॉप शो

सीरीज के निर्णायक ओवल टेस्ट में साई को फिर से प्लेइंग-11 में मौका दिया गया। यह उनके लिए खुद को साबित करने का आखिरी मौका था, लेकिन यहां भी वे 38 और 11 रन बनाकर कुल 49 रन ही बना सके। न तो कोई प्रभावशाली साझेदारी कर पाए और न ही बड़ी पारी। इस प्रदर्शन के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह साई की पहली और आखिरी सीरीज बन जाएगी?


कोच गंभीर का फैसला

कोच गंभीर देंगे दोबारा मौका

कोच गंभीर अपने तेज फैसलों और निष्कपट व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। अगर कोई खिलाड़ी बार-बार मौके पाकर भी असफल होता है, तो वे उसे दोबारा मौका देने में हिचकते नहीं, बल्कि साफ तौर पर बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि साई सुदर्शन की यह पहली सीरीज ही उनकी आखिरी बन सकती है – कम से कम जब तक टीम के कोच गंभीर हैं।