कोच गंभीर की प्राथमिकता: क्या वॉशिंगटन सुंदर तीनों फॉर्मेट में खेलने के योग्य हैं?

भारतीय क्रिकेट में वॉशिंगटन सुंदर का चयन एक विवाद का विषय बन गया है। कोच गौतम गंभीर उनके नाम को तीनों फॉर्मेट की टीम में सबसे पहले लिखते हैं, जबकि उनके घरेलू प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है। क्या यह चयन सही है? जानें सुंदर के रणजी और टेस्ट करियर के आंकड़े और उनके भविष्य की संभावनाएं।
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कोच गंभीर की प्राथमिकता: क्या वॉशिंगटन सुंदर तीनों फॉर्मेट में खेलने के योग्य हैं?

कोच गंभीर की प्राथमिकता

कोच गंभीर की प्राथमिकता: क्या वॉशिंगटन सुंदर तीनों फॉर्मेट में खेलने के योग्य हैं?

गंभीर का बयान: भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन चयन के समय कभी-कभी नाम का प्रभाव तर्क से अधिक होता है। एक ऐसे भारतीय खिलाड़ी का उदाहरण है, जिसे भविष्य का ऑलराउंडर माना गया था। उनके घरेलू प्रदर्शन को देखकर सवाल उठता है कि क्या वह वास्तव में भारत की तीनों फॉर्मेट की टीम में जगह पाने के योग्य हैं। आइए जानते हैं कौन है वह खिलाड़ी। 


रणजी में सुंदर का प्रदर्शन


कोच गंभीर की प्राथमिकता: क्या वॉशिंगटन सुंदर तीनों फॉर्मेट में खेलने के योग्य हैं?वास्तव में, रणजी ट्रॉफी 2024-25 के एलीट ग्रुप D में दिल्ली के खिलाफ वॉशिंगटन सुंदर ने एक शतक बनाया, लेकिन यह उनके फर्स्ट क्लास करियर का केवल दूसरा शतक था — और वह भी सात साल बाद। पिछला शतक उन्होंने 2017 में त्रिपुरा के खिलाफ बनाया था। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि वॉशिंगटन सुंदर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में निरंतरता नहीं दिखाई है।


हालांकि, 178 गेंदों में शतक और साई सुदर्शन के साथ 230+ रन की साझेदारी सराहनीय है, लेकिन क्या यह प्रदर्शन उन्हें सीधे तीनों फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम में जगह दिलाने के लिए पर्याप्त है? क्योंकि देशभर में घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे कई प्रतिभाशाली ऑलराउंडर्स हैं, तब सुंदर को प्राथमिकता देना सवाल खड़ा करता है।


टेस्ट करियर की स्थिति


सुंदर ने भारत के लिए केवल 4 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें उन्होंने 66.25 की औसत से रन बनाए हैं, लेकिन भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाए रखने के लिए यह आंकड़ा बहुत छोटा है। गेंदबाजी की बात करें तो 11 टेस्ट में केवल 30 विकेट। भारत की टर्निंग पिचों पर यह आंकड़ा प्रभावी नहीं कहा जा सकता, खासकर जब सामने अश्विन, जडेजा, अक्षर जैसे दिग्गज स्पिनर मौजूद हों।


न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रदर्शन


2024 की घरेलू सीरीज में सुंदर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ चार पारियों में 16 विकेट लिए थे। लेकिन यही एक सीरीज उनके चयन का आधार बन गई है, ऐसा प्रतीत होता है। भारतीय टीम में जगह बनाए रखने के लिए केवल एक सीरीज का प्रदर्शन काफी नहीं होता, खासकर जब घरेलू रणजी में खिलाड़ी का प्रदर्शन अस्थिर हो।


कोच गंभीर की प्राथमिकता


अब बड़ा सवाल यह है कि कोच गौतम गंभीर आखिर क्यों सुंदर का नाम हर फॉर्मेट में सबसे पहले लिखते हैं? जब रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन साधारण रहा है, टेस्ट में मौके गिनती के हैं और सीमित ओवरों में भी वह छाप नहीं छोड़ पाए — फिर भी उन्हें तीनों टीमों में बनाए रखना किस तर्क पर आधारित है? कई विशेषज्ञ मानते हैं कि वॉशिंगटन सुंदर की बहु-भूमिकाएं — गेंदबाज, बल्लेबाज और फील्डर — उन्हें भारतीय टीम के लिए उपयोगी बनाती हैं। लेकिन जब ये भूमिकाएं दूसरे खिलाड़ी भी बखूबी निभा रहे हों, तो सिर्फ “पोटेंशियल” के नाम पर बार-बार मौका देना, खासकर घरेलू फॉर्म को नजरअंदाज कर, भारतीय टीम के लिए दीर्घकालिक नुकसानदायक हो सकता है।