कपिल देव ने गौतम गंभीर की कोचिंग शैली पर उठाए सवाल
कपिल देव की राय
भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने गौतम गंभीर की कोचिंग शैली पर उठ रही आलोचनाओं के बीच गुरुवार को कहा कि आज के क्रिकेट में मुख्य कोच का काम खिलाड़ियों को कोचिंग देने से ज्यादा उनका प्रबंधन करना है।
गंभीर की आलोचना
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 0-2 से हार के बाद गंभीर को मुख्य कोच के रूप में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। उनकी रणनीति, जिसमें खिलाड़ियों को बार-बार बदलना और कामचलाऊ खिलाड़ियों पर निर्भर रहना शामिल है, पर सवाल उठाए गए हैं।
कोचिंग की नई परिभाषा
कपिल ने कहा कि आजकल 'कोच' शब्द का गलत अर्थ निकाला जाता है। उन्होंने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी सत्र में कहा, "आज कोच का मतलब बहुत सामान्य हो गया है। गौतम गंभीर को कोच नहीं कहा जा सकता, वह टीम के प्रबंधक हो सकते हैं।"
प्रबंधन की अहमियत
कपिल ने आगे कहा, "जब आप कोच की बात करते हैं, तो वह वह होता है जिससे मैं स्कूल और कॉलेज में सीखता था। वे मुझे प्रबंधित कर सकते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि गंभीर जैसे खिलाड़ी कोच नहीं हो सकते।
सुनील गावस्कर की क्षमता
कपिल ने यह भी कहा कि अगर सुनील गावस्कर आज के दौर में खेलते, तो वह टी20 के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होते। उन्होंने कहा, "मुझे क्रिकेट का हर प्रारूप पसंद है।"
महिला क्रिकेट की यादें
इस सत्र में मौजूद भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने हाल ही में भारत द्वारा स्वदेश में जीते गए विश्व कप की याद ताजा की। उन्होंने कहा, "उस कप पर 'इंडिया' लिखा देखकर एक अजीब सी भावना थी।"
