कपिल देव ने कोचिंग की नई परिभाषा पर उठाए सवाल, गंभीर की भूमिका पर चर्चा

कपिल देव ने हाल ही में गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाए हैं, जिससे भारतीय क्रिकेट में नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने कहा कि आज के क्रिकेट में एक कुशल प्रबंधक की आवश्यकता है, न कि पारंपरिक कोच की। गंभीर की कोचिंग में भारत ने हाल के समय में कई मैचों में हार का सामना किया है, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। कपिल ने खिलाड़ियों के प्रबंधन को कोचिंग से अधिक महत्वपूर्ण बताया। जानें इस मुद्दे पर कपिल देव की पूरी राय।
 | 
कपिल देव ने कोचिंग की नई परिभाषा पर उठाए सवाल, गंभीर की भूमिका पर चर्चा

कपिल देव की टिप्पणियाँ और गंभीर की कोचिंग पर बहस

भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने हाल ही में आधुनिक कोच की परिभाषा पर सवाल उठाकर एक नई बहस को जन्म दिया है। गौतम गंभीर, जो वर्तमान में भारत के मुख्य कोच हैं, पर उनकी तीखी टिप्पणियों ने दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में हुई टेस्ट सीरीज में भारत की हार के बाद चल रही चर्चा को और बढ़ा दिया है। गंभीर के नेतृत्व में भारत ने 19 टेस्ट मैचों में से केवल सात में जीत हासिल की है, जबकि दस मैचों में हार का सामना करना पड़ा है और दो मैच ड्रॉ रहे हैं। इनमें न्यूजीलैंड (0-3) और दक्षिण अफ्रीका (0-2) के खिलाफ घरेलू मैदान पर क्लीन स्वीप भी शामिल है।


गंभीर की कोचिंग में टीम का प्रदर्शन

टीम ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी 1-3 से गंवाई। गंभीर के कार्यकाल में एकमात्र टेस्ट सीरीज जीत बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान पर मिली हैं। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद गंभीर को बर्खास्त करने की मांग तेज हो गई है। प्रशंसक और विशेषज्ञ उनकी टीम चयन और रणनीति की आलोचना कर रहे हैं।


कपिल देव का दृष्टिकोण

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के आईसीसी शताब्दी सत्र में कपिल देव ने स्पष्ट किया कि समकालीन क्रिकेट में 'कोच' शब्द को अक्सर गलत समझा जाता है। उनके अनुसार, आज के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पारंपरिक कोच की बजाय एक कुशल प्रबंधक की आवश्यकता है। कपिल ने कहा कि गौतम गंभीर कोच नहीं हो सकते, लेकिन वे टीम के प्रबंधक के रूप में भूमिका निभा सकते हैं।


खिलाड़ियों के प्रबंधन पर जोर

कपिल ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों की विशेषज्ञता को देखते हुए, एक व्यक्ति सभी को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित नहीं कर सकता। इसके बजाय, उन्होंने खिलाड़ियों के व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और अपेक्षाओं का प्रबंधन करने को सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बताया।


गंभीर की रणनीति पर आलोचना

कपिल देव की ये टिप्पणियाँ भारतीय क्रिकेट के लिए एक संवेदनशील समय पर आई हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 की हार के बाद गौतम गंभीर आलोचनाओं के घेरे में हैं। आलोचकों ने उनके खेलने के तरीके पर सवाल उठाए हैं, खासकर खिलाड़ियों को लगातार बदलने और अंशकालिक खिलाड़ियों पर निर्भरता के कारण। कपिल ने गंभीर की रणनीति की सीधी आलोचना करने के बजाय व्यापक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि गंभीर की ताकत तकनीकी कोचिंग के बजाय खिलाड़ियों को बेहतर ढंग से संभालने में है।