कठुआ में घुसपैठ की कोशिश, बीएसएफ ने पाकिस्तानी घुसपैठिए को किया गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया, जो भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहा था। बीएसएफ ने घुसपैठियों को रुकने का आदेश दिया, लेकिन चेतावनियों की अनदेखी करने पर गोलीबारी की गई। घायल घुसपैठिए को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और उसकी पहचान व घुसपैठ के कारणों की जांच की जा रही है। बीएसएफ ने हाल ही में एक ड्रोन स्क्वाड्रन स्थापित किया है, जो सीमा की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
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कठुआ में घुसपैठ की कोशिश, बीएसएफ ने पाकिस्तानी घुसपैठिए को किया गिरफ्तार

घुसपैठ की कोशिश पर बीएसएफ की कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने गोलीबारी की। इस कार्रवाई में एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को घायल अवस्था में पकड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार, यह व्यक्ति अंधेरे का लाभ उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहा था। शाम लगभग 4 बजे, हीरानगर सेक्टर में चंदवान और कोठे सीमा चौकियों के बीच, सतर्क जवानों ने घुसपैठियों को देखा और उन्हें रुकने का आदेश दिया। जब घुसपैठियों ने चेतावनियों की अनदेखी की, तो बीएसएफ के जवानों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे एक घुसपैठिया घायल हो गया।


घायल घुसपैठिए का इलाज और जांच

अधिकारियों ने बताया कि घायल घुसपैठिए को तुरंत गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी पहचान और घुसपैठ के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है। पिछले महीने, बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती के लिए एक नया "ड्रोन स्क्वाड्रन" स्थापित किया था। ऑपरेशन सिंदूर से प्राप्त अनुभव के आधार पर, बीएसएफ ने घातक यूएवी हमलों के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, इस स्क्वाड्रन में टोही, निगरानी और हमलावर ड्रोन शामिल हैं, जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा।


बीएसएफ का संचालन और सुरक्षा उपाय

सूत्रों ने बताया कि इस ड्रोन स्क्वाड्रन का संचालन चंडीगढ़ स्थित बीएसएफ के पश्चिमी कमान मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष द्वारा किया जाएगा। बीएसएफ का मुख्य कार्य भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बल की क्षमताओं और खतरों की समीक्षा के बाद इस इकाई के गठन का निर्णय लिया गया।