एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग ने टाला बड़ा हादसा

एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX 398 ने जेद्दा से कोझिकोड की यात्रा के दौरान तकनीकी समस्या के कारण कोचीन में सुरक्षित लैंडिंग की। पायलट की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने 160 यात्रियों की जान बचाई। लैंडिंग के बाद जांच में पता चला कि विमान के दाहिने टायर फट गए थे, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित रहे। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और करिपुर एयरपोर्ट की जोखिम भरी स्थिति के बारे में।
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कोच्चि में पायलट की सूझबूझ से बची जानें

एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग ने टाला बड़ा हादसा


कोच्चि। एक छोटी सी गलती भी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती थी, लेकिन पायलट की चतुराई और त्वरित निर्णय ने 160 यात्रियों की जान बचा ली। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट, जो जेद्दा से कोझिकोड जा रही थी, को गुरुवार सुबह कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारना पड़ा। लैंडिंग के बाद विमान के दाहिने हिस्से के टायर फटने की जानकारी मिली।


जेद्दा से कोझिकोड की उड़ान

फ्लाइट IX 398 जेद्दा से केरल के कोझिकोड (करिपुर) एयरपोर्ट की ओर बढ़ रही थी, जब तकनीकी समस्या के कारण इसे कोच्चि की ओर मोड़ना पड़ा।


सुबह 9:07 बजे की सुरक्षित लैंडिंग

कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अनुसार, फ्लाइट ने सुबह 9:07 बजे सभी सुरक्षा उपायों के साथ लैंडिंग की। एयरपोर्ट प्रशासन ने पहले से सभी आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी थीं।


लैंडिंग के बाद की जांच में खुलासा

लैंडिंग के बाद की जांच में यह पता चला कि विमान के दाहिने तरफ के दोनों टायर फट चुके थे। हालांकि, लैंडिंग गियर सुरक्षित था और किसी भी यात्री या क्रू मेंबर को कोई चोट नहीं आई। एयरलाइन के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह एक आपातकालीन लैंडिंग नहीं थी, बल्कि एक एहतियाती लैंडिंग थी।


करिपुर एयरपोर्ट की जोखिम भरी स्थिति

एयरलाइन ने कोझिकोड के बजाय कोचीन को प्राथमिकता दी, जिसका कारण करिपुर एयरपोर्ट की भौगोलिक स्थिति है।



  • करिपुर एयरपोर्ट से जुड़े बड़े जोखिम

  • रनवे ऊंचे पठार पर स्थित है

  • दोनों सिरों पर गहरी ढलान और खाई

  • रनवे की लंबाई सीमित है

  • ओवरशूट की स्थिति में दुर्घटना का खतरा

  • बारिश, तेज हवा और कम दृश्यता सामान्य समस्याएं हैं


पायलट के निर्णय से टला बड़ा हादसा

एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर लिया गया निर्णय और सही एयरपोर्ट का चयन एक बड़ी दुर्घटना को टालने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। यात्रियों ने सुरक्षित लैंडिंग के बाद राहत की सांस ली।