उत्तराखंड किसान मोर्चा का धरना: एसडीएम से वार्ता की मांग
धरने का आयोजन और किसानों की मांगें
रुड़की में सोमवार को उत्तराखंड किसान मोर्चा ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान हंगामा उस समय बढ़ गया जब एसडीएम ने किसानों से पहले ज्ञापन देने को कहा। किसानों ने स्पष्ट किया कि पहले उनकी समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए। वार्ता के बाद ही ज्ञापन देने की बात कही गई। इस पर एसडीएम बैठक में जाने का बहाना बनाकर चले गए, जबकि किसान धरने पर बैठे रहे।
किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े किसान गंभीर संकट में हैं। उन्होंने बताया कि मिल ने गन्ने का भुगतान नहीं किया है, जिससे किसानों को बैंकों के कर्ज चुकाने में कठिनाई हो रही है। इस स्थिति के कारण उनकी जमीनें नीलाम होने की कगार पर हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों को धोखा दे रही है।
राजेन्द्र सिंह ने भी कहा कि रुड़की तहसील में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और अधिकारी किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। किसानों की स्थिति बेहद खराब है और उन्हें हर तरफ से लूट का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच, जब उप जिलाधिकारी ने किसानों से ज्ञापन देने को कहा, तो किसानों ने उनसे अपनी समस्याओं को सुनने की अपील की। एसडीएम ने बैठक में जाने की बात कही, जिससे किसान नाराज हो गए और उनके बीच नोकझोंक हुई। इस धरने में रविन्द्र त्यागी, दीपक पुंडीर, आजम, धर्मवीर प्रधान, महकार सिंह, आकिल हसन, बिजेन्द्र सिंह, मुनेश कुमार, सतवीर प्रधान, राव कामिल जैसे कई नेता शामिल हुए।
