उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो की स्थापना के लिए मिली स्वीकृति

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो स्थापित करने की स्वीकृति मिली है। यह निर्णय मालवा क्षेत्र की समृद्ध कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यादव ने इस स्वीकृति के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया और बताया कि यह सेटअप स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, यह ग्रामीण इलाकों में जनहित में सूचनाओं के प्रसार में सहायक होगा। जानें इस प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में अधिक जानकारी।
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उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो की स्थापना के लिए मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री मोहन यादव को मिली स्वीकृति

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की। एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।


उन्होंने बताया कि केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू ने यादव से मुलाकात कर उन्हें यह स्वीकृति पत्र सौंपा।


मुख्यमंत्री का आभार और महत्व

मुख्यमंत्री यादव ने इस स्वीकृति के लिए भारत सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि मालवा क्षेत्र की समृद्ध कला और सांस्कृतिक परंपराएं हैं।


उन्होंने कहा, “सूचना के इस युग में अन्य जन माध्यमों के साथ-साथ प्रसारण माध्यमों का विशेष महत्व है। आकाशवाणी की अपनी विश्वसनीयता है। इस कारण मालवा क्षेत्र में इंदौर के साथ उज्जैन एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां आकाशवाणी के स्टूडियो की स्थापना की आवश्यकता थी।”


आकाशवाणी केंद्र की स्थापना की प्रक्रिया

यादव ने बताया कि उन्होंने आठ जुलाई को केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल मुरूगन से मुलाकात की थी और उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र एवं स्टूडियो स्थापित करने का अनुरोध किया था।


उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने इसे स्वीकृत किया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने तक आकाशवाणी इंदौर से सप्ताह में छह दिन अल्पकालिक प्रसारण की व्यवस्था की गई है।”


सिंहस्थ-2028 के संदर्भ में महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के दृष्टिगत जहां अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं, वहीं उज्जैन में आकाशवाणी सेटअप की स्वीकृति एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।


स्थानीय कलाकारों के लिए अवसर

उन्होंने कहा, “उज्जैन और मालवा क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक सर्वसुविधायुक्त रेडियो स्टेशन की आवश्यकता थी। यह कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद करेगा।”


जनहित में प्रसार

यादव ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और सामुदायिक रेडियो नेटवर्क के विस्तार से जनहित में निर्णयों की सूचनाएं दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाई जा सकेंगी।”


आधुनिक तकनीक का उपयोग

प्रसार भारती ने भारत में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर प्रसारण सेवाओं को बढ़ाने की पहल की है।


आकाशवाणी के लोकप्रिय चैनल अब स्मार्टफोन, टैबलेट और व्यक्तिगत कंप्यूटर पर उच्च गुणवत्ता के ऑडियो के साथ सुने जा सकते हैं।