आयुष शेट्टी ने हांगकांग ओपन में कोडाई नाराोका को हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया

आयुष शेट्टी की शानदार जीत
एक महत्वपूर्ण क्षण में, आयुष शेट्टी, जो भारत के सबसे प्रतिभाशाली युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं, ने हांगकांग ओपन सुपर 500 में एक बड़ा उलटफेर किया। कर्नाटका के 20 वर्षीय खिलाड़ी ने जापान के 2023 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कोडाई नाराोका को तीन गेमों में कड़ी टक्कर देकर हराया और पुरुष एकल क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई।
पूर्व विश्व नंबर 2 के खिलाफ खेलते हुए, आयुष ने किसी भी प्रकार की घबराहट नहीं दिखाई। उन्होंने अनुभवी खिलाड़ी की तरह खेलते हुए जापानी स्टार को 21-19, 12-21, 21-14 से हराया, यह मुकाबला 72 मिनट तक चला।
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आयुष शेट्टी ने WR 9 कोडाई नाराोका 🇯🇵 को 21-19, 12-21, 21-14 से हराकर हांगकांग ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई।
क्या जीत है आयुष की 💥🔥🔥🔥
क्वार्टरफाइनल में सेन से मुकाबला pic.twitter.com/WURPDxmMD9
उभरते सितारे से दिग्गज शिकारी
आयुष शेट्टी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धीरे-धीरे पहचान बनाई है, लेकिन यह जीत उन्हें वैश्विक स्तर पर स्थापित कर देती है। उनकी कोर्ट पर आक्रामकता, रणनीतिक चतुराई और निरंतर ऊर्जा ने मैच के दौरान उन्हें अलग बनाया। हालांकि नाराोका ने एक गेम जीतकर थोड़ी गति बदली, लेकिन आयुष का निर्णायक गेम में फिर से संगठित होना अद्भुत था।
यह पहली बार नहीं है जब आयुष ने 2024 में सुर्खियाँ बटोरी हैं। जून में, उन्होंने यूएस ओपन सुपर 300 खिताब जीता, जो उनकी क्षमता को दर्शाता है। लेकिन नाराोका पर जीत उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
क्वार्टरफाइनल में परिचित चेहरा
इस सपने की दौड़ में एक और दिलचस्प मोड़ है: आयुष का अगला प्रतिद्वंद्वी लक्ष्य सेन, जो उनके साथी और प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षार्थी हैं। दोनों ने एक साथ प्रशिक्षण लिया है और अब एक उच्च-दांव वाले क्वार्टरफाइनल में आमने-सामने हैं।
यह मुकाबला न केवल प्रतिभा का है, बल्कि परिचितता का भी है - यह मैच मानसिक मजबूती और तकनीकी कौशल दोनों की परीक्षा लेगा। भारतीय बैडमिंटन प्रशंसकों के लिए, यह एक जीत-जीत स्थिति है, जिसमें सेमीफाइनल में एक स्थान सुनिश्चित है।
बड़ी तस्वीर
आयुष का उभार भारतीय बैडमिंटन में एक स्वागत योग्य कहानी है, खासकर जब देश established सितारों के अलावा गहराई बनाने की कोशिश कर रहा है। इस सीजन में उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि वह उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और जीतने के लिए तैयार हैं।
हांगकांग ओपन वह टूर्नामेंट हो सकता है जिसका आयुष शेट्टी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। चाहे वह अपनी कहानी को जारी रखे या नहीं, एक बात स्पष्ट है: भारत का बैडमिंटन भविष्य उनके जैसे खिलाड़ियों के साथ और भी उज्जवल दिखता है।