अजिंक्य रहाणे ने चयनकर्ताओं के लिए नए नियमों का प्रस्ताव रखा

अजिंक्य रहाणे ने हाल ही में चयनकर्ताओं के लिए नए नियमों का प्रस्ताव रखा है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि चयनकर्ताओं को हाल ही में संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों में से चुना जाना चाहिए। यह बयान उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ बातचीत के दौरान दिया। रहाणे का मानना है कि चयनकर्ताओं की सोच को खेल के विकास के साथ मेल खाना चाहिए। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या बदलाव संभव हैं।
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अजिंक्य रहाणे ने चयनकर्ताओं के लिए नए नियमों का प्रस्ताव रखा

भारतीय टीम के चयन में बदलाव की आवश्यकता

अजिंक्य रहाणे ने चयनकर्ताओं के लिए नए नियमों का प्रस्ताव रखा


हाल ही में एशिया कप के दौरान भारतीय टीम के चयन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें शुभमन गिल को टी20 में शामिल किया गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी20 श्रृंखला के लिए टीम चयन भी चर्चा का विषय बना हुआ है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से कई खिलाड़ियों में चयनकर्ताओं के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। हाल ही में हर्षित राणा को तीनों प्रारूपों में खेलने का मौका मिलने के बाद से चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच, अजिंक्य रहाणे ने चेतेश्वर पुजारा से बातचीत में चयनकर्ताओं के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया।


क्या रहाणे चाहते हैं अजित आगरकर की छुट्टी?


भारतीय टीम में चयनकर्ताओं का चुनाव एक नियमित प्रक्रिया है, और वर्तमान में अजित आगरकर मुख्य चयनकर्ता हैं। पुजारा के साथ यूट्यूब पर चर्चा करते हुए रहाणे ने बताया कि चयन प्रक्रिया में क्या बदलाव होना चाहिए और कौन चयनकर्ता बन सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे खिलाड़ियों को चयनकर्ता बनाया जाना चाहिए जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लिया हो। इस नियम के अनुसार, सबसे पहले अजित आगरकर की कुर्सी जाएगी।


रहाणे के चयनकर्ता के लिए नियम


रहाणे ने बातचीत में कहा, 'खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। मैं घरेलू क्रिकेट में चयनकर्ताओं के बारे में बात करना चाहता हूं। हमारे पास ऐसे चयनकर्ता होने चाहिए जिन्होंने हाल में उच्च स्तर की क्रिकेट से संन्यास लिया हो।' उन्होंने यह भी कहा, 'चूंकि क्रिकेट तेजी से विकसित हो रहा है, यह आवश्यक है कि चयनकर्ताओं की सोच और मानसिकता भी इस बदलाव के साथ तालमेल बिठाए। हमें 20-30 साल पहले के क्रिकेट के आधार पर निर्णय नहीं लेना चाहिए।'