अग्रसेन जयंती 2025: जानें इस पर्व का महत्व और उत्सव मनाने के तरीके

अग्रसेन जयंती 2025, वैश्य समाज के आराध्य महाराजा अग्रसेन की जयंती है, जिसे 22 सितंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व समाजवाद, समानता और अहिंसा का प्रतीक है। इस दिन विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। जानें इस पर्व का महत्व और इसे मनाने के तरीके, साथ ही महाराजा अग्रसेन के जीवन के बारे में।
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अग्रसेन जयंती 2025: जानें इस पर्व का महत्व और उत्सव मनाने के तरीके

अग्रसेन जयंती 2025 का महत्व

अग्रसेन जयंती 2025: जानें इस पर्व का महत्व और उत्सव मनाने के तरीके

Maharaja Agrasen Jayanti 2025 Date

अग्रसेन जयंती 2025: यह पर्व वैश्य समुदाय के पूजनीय महाराजा अग्रसेन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। महाराजा अग्रसेन को समाजवाद, समानता और अहिंसा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उनका जीवन प्रेरणादायक और आदर्श रहा है। इस दिन वैश्य समाज द्वारा भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें शोभायात्रा, भजन-कीर्तन, पूजा और सामाजिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

अग्रसेन जयंती 2025 की तारीख

  • अग्रसेन जयंती 2025: 22 सितंबर 2025, सोमवार को मनाई जा रही है।
  • यह तिथि अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ती है।
  • यह नवरात्रि के आरंभ के दिन भी आती है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।

महाराजा अग्रसेन का जीवन परिचय

महाराजा अग्रसेन का जन्म द्वापर युग के अंत और कलियुग की शुरुआत में हुआ माना जाता है।

वे सूर्यवंशी क्षत्रिय महाराजा वल्लभ के वंशज और अयोध्या के राजा थे।

उन्होंने वैश्य समाज की स्थापना की और अग्रवाल समाज का निर्माण समाजवाद और समानता के सिद्धांतों पर किया।

महाराजा अग्रसेन ने 18 महाजनपदों की स्थापना की, जिनसे आगे चलकर अग्रवाल समाज के 18 गोत्र बने।

अग्रसेन जयंती का महत्व

समानता और भाईचारा: महाराजा अग्रसेन ने समाज में भेदभाव का विरोध किया।

अहिंसा का संदेश: उन्होंने शांति और करुणा का मार्ग अपनाया।

आर्थिक सहयोग: नए घर बसाने वाले व्यक्तियों की मदद के लिए उन्होंने एक अनूठा नियम बनाया था।

सामाजिक योगदान: अग्रसेन जयंती पर सामाजिक सेवा, रक्तदान शिविर और गरीबों की सहायता करना पुण्यकारी माना जाता है।

अग्रसेन जयंती 2025 कैसे मनाएं?

  • सुबह स्नान के बाद महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं।
  • पुष्प, फल और मिठाई चढ़ाकर पूजा करें।
  • आरती और भजन का आयोजन करें।
  • जरूरतमंदों को दान दें।
  • अग्रवाल समाज में शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भंडारे का आयोजन किया जाता है।

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