Joe Root की कप्तानी से बल्लेबाज बनने की यात्रा

जो रूट ने हाल ही में एक साक्षात्कार में इंग्लैंड टेस्ट टीम में अपनी वापसी के दौरान अनुभव की जटिल भावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने बेन स्टोक्स के साथ अपने संबंधों और कप्तान से बल्लेबाज बनने की यात्रा पर चर्चा की। रूट ने अपने करियर के इस नए चरण को मजेदार बताया और कहा कि वह टीम में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार हैं। उनकी कहानी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक है।
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Joe Root की कप्तानी से बल्लेबाज बनने की यात्रा

Joe Root का अनुभव

हाल ही में एक साक्षात्कार में, जो रूट ने इंग्लैंड टेस्ट टीम में अपनी वापसी के दौरान अनुभव की जटिल भावनाओं के बारे में बताया, जब उन्होंने बेन स्टोक्स के पक्ष में कप्तानी छोड़ दी। रूट ने अपने शुरुआती वर्षों को चुनौतीपूर्ण और अजीब माना, लेकिन कप्तान के रूप में अपनी सेवा के बाद एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खुद को साबित करने में सफल रहे। उन्होंने जानबूझकर स्टोक्स के क्षेत्र में बहुत अधिक दखल देने से बचने की कोशिश की, फिर भी अपनी ऊर्जा को शानदार रन बनाने में बदल दिया। इस संतुलन का परिणाम दिलचस्प रहा: स्टोक्स की कप्तानी में 36 टेस्ट में 3,117 रन और 56.67 की औसत।


Joe Root का बयान

रूट ने कहा, "बेन (स्टोक्स) ने मेरे लिए उप-कप्तान के रूप में बहुत कुछ किया, अब मेरी बारी है कि मैं उसे कुछ वापस दूं। टीम में वापस आना कठिन और अजीब था, क्योंकि मैं पहले नेता था। मैं बेन के रास्ते में नहीं आना चाहता था, लेकिन मैं चाहता था कि वह जानता हो कि मैं उसका समर्थन करने के लिए वहां हूं।"


उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता था कि इसका एक बड़ा हिस्सा रन बनाना था। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं बल्ले से खेल पर प्रभाव डाल सकूं और स्पष्ट रूप से, अगर मैं एक पूर्व कप्तान के रूप में उसकी अगुवाई का पालन कर रहा हूं, तो यह टीम में आने वाले किसी भी नए खिलाड़ी के लिए एक मजबूत संदेश भेजता है।"


रूट ने कहा, "यह मेरे करियर का सबसे मजेदार समय बन गया है। जिस तरह से हम खेलते हैं, वह वातावरण जो बनाया गया है। बेन और [मुख्य कोच] ब्रेंडन [मैकुलम] ने जो काम किया है, वह शानदार है और इसके साथ बहुत मजा आया है।"