IPL में कप्तान बने खिलाड़ी की कहानी: PSL में नहीं था खेलने लायक

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इस सीजन में एक खिलाड़ी ने सबको चौंका दिया है। वह खिलाड़ी, जो पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में खेलने के लिए उपयुक्त नहीं था, आईपीएल में अपनी टीम का कप्तान बना। जानें इस खिलाड़ी की कहानी, उसके प्रदर्शन और टीम के साथ उसके अनुभव के बारे में। क्या वह अपनी टीम को सफलता दिला पाएगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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IPL में कप्तान बने खिलाड़ी की कहानी: PSL में नहीं था खेलने लायक

IPL का समापन और खिलाड़ियों की कहानी

IPL में कप्तान बने खिलाड़ी की कहानी: PSL में नहीं था खेलने लायक

IPL : दुनिया की सबसे प्रमुख क्रिकेट लीग, इंडियन प्रीमियर लीग, अब अपने अंतिम चरण में है। इस सीजन में कई खिलाड़ियों ने उतार-चढ़ाव का सामना किया, और कई टीमों ने भी विभिन्न चुनौतियों का सामना किया। लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा है, जो पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में खेलने के लिए उपयुक्त नहीं था, फिर भी इस आईपीएल में टीम का नेतृत्व कर रहा है।


कौन है वो खिलाड़ी

इस खिलाड़ी को PSL में कोई नहीं जानता, लेकिन आईपीएल में करोड़ों की रकम उसके ऊपर खर्च की गई है। आइए जानते हैं कि वह कौन है जो PSL में खेलने के लिए योग्य नहीं था, लेकिन आईपीएल में कप्तान बना है।

कौन है वो खिलाड़ी

IPL में कप्तान बने खिलाड़ी की कहानी: PSL में नहीं था खेलने लायक

इंडियन प्रीमियर लीग में अब केवल प्लेऑफ मुकाबले बचे हैं। सभी टीमों ने लीग स्टेज के मैच खेल लिए हैं। इस दौरान कई टीमों ने खराब प्रदर्शन किया, जिनमें से एक लखनऊ सुपरजाइंट्स है। लखनऊ ने मेगा ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व कप्तान ऋषभ पंत को 27 करोड़ रुपये में खरीदा था, लेकिन इसका लखनऊ को कोई खास लाभ नहीं मिला।


पंत साबित हुए फुस्स कप्तान

ऋषभ पंत को लखनऊ की टीम ने 7 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन उनके नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। अगर ऋषभ के अंतिम मैच में शतकीय पारी को छोड़ दें, तो वह हर तरह से असफल साबित हुए। पहले मैच में वह बिना कोई रन बनाए आउट हो गए और उनकी टीम 7वें स्थान पर रही। एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


कैसे रहे इस सीजन पंत के आंकड़े

इस सीजन में ऋषभ पंत ने कुल 13 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 24.45 की औसत से 269 रन बनाए। उनकी स्ट्राइक रेट 133.16 रही। अंत में बेंगलुरु के खिलाफ उन्होंने नाबाद 118 रनों की पारी खेली, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।