गेमिंग के लिए एसआरओ लागू करने में देरी से एशिया कप के दौरान 'अवैध सट्टेबाजी साइटों' के लिए खुले हैं दरवाजे

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। एशिया कप से पहले अवैध सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापनों के खिलाफ जारी नवीनतम सरकारी सलाह विफल हो रही है क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) के लिए आवेदन संसाधित नहीं किए गए हैं।
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गेमिंग के लिए एसआरओ लागू करने में देरी से एशिया कप के दौरान 'अवैध सट्टेबाजी साइटों' के लिए खुले हैं दरवाजे

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। एशिया कप से पहले अवैध सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापनों के खिलाफ जारी नवीनतम सरकारी सलाह विफल हो रही है क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) के लिए आवेदन संसाधित नहीं किए गए हैं।

अपनी नवीनतम सलाह में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी, प्रिंट और डिजिटल मीडिया को सट्टेबाजी या सरोगेट साइटों से कोई भी विज्ञापन न लेने की सलाह देते हुए प्लेटफार्मों से कहा कि वे ऐसे किसी भी विज्ञापन को न दिखाएं, जो "विज्ञापन की प्रकृित में हो, या सरोगेट विज्ञापन या ऐसे ऑनलाइन गेम को बढ़ावा देने के बारे में है, जिसकी अनुमति नहीं है।”

कोई भी आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त "स्‍वीकृत ऑनलाइन गेम" नहीं है क्योंकि प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस साल अप्रैल में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 2021 के आईटी नियमों में संशोधन के रूप में ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियमों की घोषणा की। नए नियमों के अनुसार, स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) उन खेलों को मंजूरी देंगे, जो नियमों के अनुरूप देश में संचालित हो सकते हैं।

उद्योग पर्यवेक्षकों का कहना है कि सट्टेबाजी और जुआ साइटें भारतीय बाजार पर कब्ज़ा करने के लिए इस खामी का फायदा उठा रही हैं। जैसे-जैसे एशिया कप और कैरेबियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट शुरू हो रहे हैं, अवैध सट्टेबाजी और जुआ साइटों की दृश्यता बढ़ गई है।

दिल्ली और लखनऊ उच्च न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले तकनीकी वकील उत्कर्ष श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, “चूंकि एसआरओ की स्थापना में कुछ समय लगेगा, इसलिए नियमों को लागू नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार उचित प्रक्रिया का पालन करती है और इन अनुप्रयोगों की जांच करती है। इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जहां अवैध सट्टेबाजी और जुआ साइटें स्थिति का फायदा उठाती हैं और चल रहे खेल टूर्नामेंटों का फायदा उठाती हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 6 जुलाई की समय सीमा से पहले स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) की स्थापना के लिए तीन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

ये एसआरओ मुख्य रूप से यह तय करने के लिए जिम्मेदार हैं कि "अनुमत ऑनलाइन गेम" कौन से हैं। लेकिन सरकार ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

--आईएएनएस

सीबीटी