
Apple ने हाल ही में एक विवादास्पद ऐप ICEBlock को अपने App Store से हटा दिया है। यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दबाव के बाद लिया गया। ICEBlock एक ऐसा ऐप था जो उपयोगकर्ताओं को ICE (Immigration and Customs Enforcement) एजेंटों की गतिविधियों के बारे में सूचित करता था, जिससे अप्रवासी समय पर छिपने या बचने का अवसर प्राप्त कर सकते थे। Apple ने पुष्टि की है कि सुरक्षा कारणों से उसने ICEBlock और अन्य समान ऐप्स को हटाया है। कंपनी ने कहा, “हमने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर यह कदम उठाया है, क्योंकि इससे एजेंटों की सुरक्षा को खतरा था।”
ICEBlock की लोकप्रियता और विवाद
ICEBlock अमेरिका में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया था, विशेषकर अप्रवासी समुदायों के बीच। यह ऐप छापों की पूर्व सूचना देता था, जिससे अवैध प्रवासियों और वीजा धारकों को सतर्क होने का समय मिल जाता था। हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग ने Apple को चेतावनी दी थी कि ऐसे ऐप्स कानून व्यवस्था को कमजोर करते हैं और फेडरल एजेंटों की जान को खतरे में डालते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने कहा, “ICEBlock हमारे एजेंटों को उनके कार्यों में जोखिम में डालता है। हम कानून प्रवर्तन के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं कर सकते।” वहीं, होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोम ने भी कहा कि ऐप के डेवलपर जोशुआ एरोन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ने पहले ही उन्हें चेतावनी दी थी कि यदि उनका ऐप एजेंटों के लिए खतरा बनता है, तो संविधान उनकी रक्षा नहीं कर सकता।”
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
Apple के इस निर्णय की व्यापक आलोचना हो रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि Apple सरकार के दबाव में आकर उपयोगकर्ताओं के अधिकारों और स्वतंत्रता की अनदेखी कर रहा है। उनका मानना है कि ICEBlock जैसे ऐप्स कमजोर और डरे हुए समुदायों को आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं ताकि वे सुरक्षित रह सकें। अब इस ऐप को हटाकर, Apple ने असहमति की आवाज को दबाने का कार्य किया है।
Apple की चुनौती
Apple अब एक बार फिर सरकार और जनता के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में है। एक ओर उसे ट्रंप प्रशासन के साथ संबंध बनाए रखने हैं, जबकि दूसरी ओर वह खुद को उपयोगकर्ता की गोपनीयता और स्वतंत्रता के समर्थक के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है।