13 वर्षीय रिदम ममुनिया ने एशियाई रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

रिदम ममुनिया, केवल 13 वर्ष की आयु में, एशियाई रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच चुकी हैं। उनके अद्भुत प्रदर्शन ने भारतीय रोलर स्केटिंग में एक नई पहचान बनाई है। रिदम की यात्रा में कई उपलब्धियाँ शामिल हैं, जैसे कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सफलता और एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुँचने का रिकॉर्ड। उनकी प्रेरणा और समर्पण युवा खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण है। जानें उनके भविष्य की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में।
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रिदम ममुनिया की ऐतिहासिक जीत

केवल 13 वर्ष की आयु में, रिदम ममुनिया ने दक्षिण कोरिया के जिचियन में आयोजित 20वीं एशियाई रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल उन्हें सोलो फ्री डांस इवेंट में शीर्ष स्थान दिलाया, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों की कलात्मक रोलर स्केटिंग में बढ़ती ताकत को भी उजागर किया।


रिदम की उपलब्धियाँ


यह जीत रिदम के लिए एक और चमकदार उपलब्धि है। वह छह बार की राष्ट्रीय चैंपियन और 50 से अधिक राष्ट्रीय पदक विजेता हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल की है, 2025 में ताइवान चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उनकी सफलता की कहानी पांच साल की उम्र से शुरू हुई, जब उन्होंने एक ही प्रयास में 25 स्थिर कारों के नीचे से गुजरने का रिकॉर्ड बनाया।


अन्य उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ

रिदम की उपलब्धियाँ केवल स्केटिंग तक सीमित नहीं हैं। 2021 में, वह एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुँचने वाली सबसे युवा भारतीय बन गईं, जो उनकी अदम्य भावना को दर्शाता है। उनका सिद्धांत है: "भारत पहले, स्वयं बाद में।"


अब जब उन्होंने एशियाई खिताब जीत लिया है, रिदम ब्रिस्बेन पैसिफिक कप की तैयारी कर रही हैं, जहाँ वह अपनी कोच, श्रीमती आदेश सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं। उनकी दृढ़ता और आत्मविश्वास नए खिलाड़ियों को प्रेरित कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कलात्मक रोलर स्केटिंग की पहचान को बढ़ा रहा है।


रिदम का संदेश

रिदम की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि जुनून, समर्पण और देशभक्ति किसी भी सपने को हकीकत में बदल सकती है, और यह तो बस शुरुआत है।