रिफाइंड तेल: स्वास्थ्य के लिए खतरनाक, हर साल 20 लाख मौतों का कारण

रिफाइंड तेल का उपयोग खाना पकाने में आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह हर साल 20 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है? केरल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के अनुसंधान के अनुसार, यह तेल कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। जानें कैसे रिफाइंड तेल का निर्माण होता है और इसके सेवन से होने वाले खतरों के बारे में।
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रिफाइंड तेल का खतरनाक प्रभाव

रिफाइंड तेल: स्वास्थ्य के लिए खतरनाक, हर साल 20 लाख मौतों का कारण


समाचार अपडेट: खाना बनाते समय हम सभी तेल का उपयोग करते हैं, क्योंकि बिना तेल के पकवान का कोई महत्व नहीं होता। लगभग हर प्रकार के भोजन में तेल का होना आवश्यक है।


हालांकि, आज हम आपको एक ऐसे तेल के बारे में बताएंगे, जिसके सेवन से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।


केरल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र के अनुसार, रिफाइंड तेल हर साल 20 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है।


रिफाइंड तेल के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे डीएनए क्षति, आरएनए का नाश, दिल का दौरा, दिल की रुकावट, मस्तिष्क क्षति, लकवा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, नपुंसकता, कैंसर, हड्डियों का कमजोर होना, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, किडनी क्षति, लिवर खराब होना, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, दृष्टि में कमी, प्रदर रोग, बांझपन, पाइल्स, और त्वचा रोग।


रिफाइंड तेल कैसे बनाया जाता है:


बीजों से तेल निकालने की प्रक्रिया में, छिलके सहित बीजों से तेल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में आने वाली अशुद्धियों को साफ करके, तेल को स्वाद, गंध और रंग रहित करने के लिए रिफाइन किया जाता है।


वाशिंग प्रक्रिया में पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब और अन्य खतरनाक एसिड का उपयोग किया जाता है, ताकि अशुद्धियाँ बाहर निकल जाएं। इस प्रक्रिया में तारकोल जैसा गाढ़ा अपशिष्ट निकलता है, जिसका उपयोग टायर बनाने में किया जाता है। यह तेल एसिड के कारण विषाक्त हो जाता है।