भारतीय बास्केटबॉल के दिग्गज हरि दत्त कापड़ी का निधन, खेल जगत में शोक की लहर

भारतीय बास्केटबॉल के पूर्व कप्तान हरि दत्त कापड़ी का निधन 9 अप्रैल को हुआ, जिससे खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। 83 वर्षीय कापड़ी ने भारतीय टीम को कई उपलब्धियों की ओर अग्रसर किया। उनके नेतृत्व में टीम ने 1969 में एशिया में चौथे स्थान पर पहुंचने का गौरव हासिल किया। जानें उनके जीवन, उपलब्धियों और मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्त शोक संदेश के बारे में।
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हरि दत्त कापड़ी का निधन

भारतीय खेल जगत के लिए बुधवार, 9 अप्रैल, का दिन बेहद दुखद रहा। आईपीएल 2025 के दौरान एक बुरी खबर आई है जिसने खेल प्रेमियों का दिल तोड़ दिया है। भारतीय बास्केटबॉल के पूर्व कप्तान हरि दत्त कापड़ी का निधन हो गया। उनकी उम्र 83 वर्ष थी और उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।


कप्तानी में मिली सफलता

हरि दत्त कापड़ी की कप्तानी में भारतीय बास्केटबॉल टीम ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। उनके नेतृत्व में, टीम ने 1969 में एशिया में चौथे स्थान पर अपनी जगह बनाई। कापड़ी की कप्तानी में भारतीय बास्केटबॉल टीम ने 1965 से 1978 तक लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।


जन्म और अंतिम संस्कार

कापड़ी का जन्म 1942 में पिथौरागढ़ जिले के चिरियाखान गांव में हुआ था। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को रामेश्वर घाट पर किया गया। उन्हें 1969 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और उत्तराखंड सरकार ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किया था।


मुख्यमंत्री का शोक संदेश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारतीय बास्केटबॉल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले अर्जुन पुरस्कार विजेता हरि दत्त कापड़ी जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका समर्पण और खेल के प्रति निष्ठा ने उन्हें महान खिलाड़ी बनाया और वे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने।" पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने कहा, "वह बास्केटबॉल के असाधारण खिलाड़ी थे, जिन्होंने भारतीय टीम को एशिया में चौथे स्थान पर लाकर देश को गर्वित किया।"