झालावाड़ की प्रेम कहानी: लव मैरिज के बाद का संघर्ष

झालावाड़ की 18 वर्षीय माया ने अपने से 12 साल बड़े प्रेमी छोटूराम से लव मैरिज की, लेकिन इसके बाद उसके परिवार ने विरोध किया। माया ने डर के बावजूद पुलिस से सुरक्षा मांगी। जानिए इस अनोखी प्रेम कहानी का पूरा सच और इसके पीछे की चुनौतियाँ।
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एक अनोखी प्रेम कहानी

झालावाड़ जिले की 18 वर्षीय माया का दिल शेखावाटी के 30 वर्षीय छोटूराम के लिए धड़क उठा। प्यार में डूबी माया ने अपने प्रेमी से लव मैरिज करने का निर्णय लिया, लेकिन यह कदम उसके लिए एक बुरा अनुभव बन गया। आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में।


प्यार का पहला एहसास

दिल की बातों पर कोई नियंत्रण नहीं होता। यह अचानक किसी पर भी फिदा हो सकता है। माया ने एक साल पहले छोटूराम को देखा था, जो एक राजमिस्त्री है। उनकी पहली मुलाकात सीकर में एक निर्माण स्थल पर हुई थी, जहां माया की मां काम कर रही थीं।


प्यार की शुरुआत

माया और छोटूराम के बीच धीरे-धीरे प्यार बढ़ने लगा। दोनों ने मोबाइल पर लंबी बातें करना शुरू किया, लेकिन माया को पता था कि उनके परिवार वाले इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करेंगे।


घर छोड़ने का साहस

इसलिए, माया ने घर छोड़ने का निर्णय लिया। 8 दिसंबर को वह छोटूराम के पास भाग गई। दोनों ने जयपुर जाकर आर्य समाज में शादी की और फिर मथुरा और वृंदावन की यात्रा की।


परिवार का विरोध

माया के परिवार को शादी की खबर मिली तो हंगामा मच गया। उसके बड़े भाई ने उसे धमकी दी कि अगर वह छोटूराम के साथ मिली तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डर के बावजूद, माया ने हिम्मत नहीं हारी और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई।


छोटूराम का विश्वास

छोटूराम ने कहा कि यह सब किस्मत का खेल है और वे इसे पूरा करेंगे।