हार्ट मरीजों के लिए प्रदूषण में सुरक्षा के उपाय
हार्ट स्वास्थ्य और प्रदूषण
बढ़ता वायु प्रदूषण आज के समय में स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। सर्दियों में तापमान में गिरावट, भारी हवा और धूल के कणों का जमाव AQI को और खराब कर देता है। ट्रैफिक, पटाखों, फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं और कचरा जलाने जैसी गतिविधियां इसे और बढ़ा देती हैं। हवा में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों और रक्त प्रवाह में पहुंच जाते हैं, जिससे सूजन, रक्त वाहिकाओं पर दबाव और ऑक्सीडेटिव क्षति बढ़ती है। इससे पहले से हार्ट की समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों में रक्तचाप में अचानक वृद्धि, हार्ट रेट में उतार-चढ़ाव और कार्डियक जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है.
प्रदूषण का प्रभाव सीधे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर पड़ता है। जहरीले कणों के कारण धमनियों में सूजन बढ़ती है, जिससे हार्ट की पंपिंग क्षमता कम हो सकती है। उच्च रक्तचाप, असामान्य नाड़ी, छाती में दबाव और सांस फूलने जैसी समस्याएं सामान्य से अधिक तेजी से उत्पन्न हो सकती हैं। जिन लोगों को पहले से ब्लॉकेज, एंजाइना, HF या अरिदमिक समस्याएं हैं, उनके लिए वायु प्रदूषण का संपर्क अचानक हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ा देता है। इसके अलावा, नींद में कमी, थकान, सिरदर्द और चिंता भी हार्ट पर दबाव डालते हैं। इसका मतलब है कि प्रदूषित हवा केवल फेफड़ों पर नहीं, बल्कि सीधे हार्ट पर भी असर डालती है और खतरा बढ़ाती है.
बढ़ते प्रदूषण में हार्ट मरीजों की देखभाल
डॉ. अजीत जैन की सलाह
राजीव गांधी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. अजीत जैन के अनुसार, स्मॉग वाले दिनों में बाहर जाने से बचना सबसे महत्वपूर्ण है। सुबह और शाम की वॉक घर के अंदर करें या जब AQI थोड़ा बेहतर हो तब बाहर जाएं। AQI की निगरानी करते रहें, और बाहर जाते समय N95/N99 मास्क पहनें। ट्रैफिक वाले क्षेत्रों से दूर रहना भी फायदेमंद है। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और समय-समय पर खिड़कियां खोलकर ताजा हवा आने दें। इसके साथ ही, अपनी ऑक्सीजन सैचुरेशन, रक्तचाप, हार्ट रेट और दैनिक अनुभवों पर ध्यान दें.
यदि छाती में दबाव, तेज धड़कन, असहजता, पसीना, सांस फूलना या अचानक थकान महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाएं समय पर लें, नमक, तले हुए और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें, पर्याप्त पानी पिएं और नींद का रूटीन बनाए रखें। देर रात तक जागना या अचानक तनाव बढ़ाना दिल पर और दबाव डाल सकता है। प्रदूषण पहले से ही दिल पर तनाव डाल रहा है, इसलिए अन्य कारकों को नियंत्रित रखना और भी आवश्यक है.
अन्य महत्वपूर्ण सुझाव
स्मोकिंग से बचें
स्मोकिंग को पूरी तरह से छोड़ दें।
आपातकालीन दवाएं हमेशा अपने पास रखें।
तनाव प्रबंधन करें।
शारीरिक गतिविधियों को कम न करें, बल्कि इसे स्मार्ट तरीके से करें, जैसे इनडोर वर्कआउट करें या उस समय व्यायाम करें जब AQI बेहतर हो।
