शाम के वास्तु टिप्स: सकारात्मक ऊर्जा के लिए क्या करें और क्या न करें

शाम का समय सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि सूर्यास्त के बाद किन कार्यों से बचना चाहिए और किन कार्यों को करना चाहिए। जानें कैसे झाड़ू लगाना, कूड़ा बाहर फेंकना, और बाल या नाखून काटना आपके घर की समृद्धि को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, दीप जलाने और परिवार के साथ समय बिताने के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है।
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शाम के वास्तु टिप्स: सकारात्मक ऊर्जा के लिए क्या करें और क्या न करें

शाम का समय और सकारात्मक ऊर्जा

शाम का समय दिनभर की थकान को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण समय होता है। जब सूर्य अस्त होता है, तो प्राकृतिक ऊर्जा का संतुलन बदलता है।


इस समय किए गए कुछ कार्य हमारे घर और जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। वास्तु शास्त्र और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यास्त के बाद कुछ गतिविधियाँ अशुभ मानी जाती हैं, जो घर की खुशहाली और आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।


सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से बचें

कई परंपराओं में शाम के समय झाड़ू लगाना वर्जित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू लगाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा और लक्ष्मी की कृपा बाहर चली जाती है।


इसके अलावा, शाम को झाड़ू चलाने से धन की हानि और आर्थिक तंगी बढ़ सकती है। यदि सफाई आवश्यक हो, तो केवल गीला पोछा लगाना उचित है, जबकि झाड़ू से बचना चाहिए। सुबह या दोपहर का समय सफाई के लिए सबसे शुभ माना जाता है।


सूर्यास्त के बाद कूड़ा बाहर न फेंकें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद कूड़ा बाहर निकालना शुभ नहीं होता। ऐसा करने से घर की समृद्धि और शुभ ऊर्जा बाहर चली जाती है।


इससे न केवल आर्थिक समस्याएँ बढ़ती हैं, बल्कि घर के सदस्यों में तनाव और कलह भी बढ़ सकती है। बेहतर होगा कि दिन के समय ही कूड़े का निपटारा कर लिया जाए। यदि शाम को कूड़ा इकट्ठा हो जाए, तो उसे किसी ढके हुए डिब्बे में रखकर सुबह बाहर फेंकें।


बाल या नाखून काटना भी अशुभ

लोक मान्यताओं और वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद बाल या नाखून काटना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है। यह कार्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों, मानसिक तनाव, और धन हानि का कारण बन सकता है। इसलिए, नाखून और बाल काटने का सबसे शुभ समय सुबह का होता है।


सूर्यास्त के समय सोने या लेटने से बचें

शाम का समय आराम का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता का होता है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि सूर्यास्त के समय बिस्तर पर लेटना या सोना अशुभ माना जाता है।


ऐसा करने से आलस्य बढ़ता है और करियर में रुकावटें आ सकती हैं। इस समय परिवार के साथ बैठकर बातचीत करना, पूजा करना, या अपने लक्ष्यों की योजना बनाना बेहतर होता है।


सूर्यास्त के बाद धन का लेन-देन न करें

वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि शाम को उधार लेना या देना अशुभ होता है। ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है।


धन संबंधी कार्यों के लिए सुबह या दोपहर का समय सबसे उत्तम माना गया है। शाम को धन का लेन-देन टालने से स्थिरता बनी रहती है।


शाम को दीप जलाने का महत्व

जहां कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, वहीं दीपक जलाना, भगवान की आरती करना और परिवार के साथ समय बिताना शाम के सबसे शुभ कार्य माने जाते हैं।


दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और वातावरण पवित्र होता है। यदि हम वास्तु और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कुछ सरल नियमों का पालन करें, तो घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।