लोकेन्द्र सिंह को मिला राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान-2025
भोपाल में आयोजित एक समारोह में लोकेन्द्र सिंह को 'राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान-2025' से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें डिजिटल मीडिया और हिन्दी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया। ग्वालियर में जन्मे लोकेन्द्र सिंह, जो माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं, ने युवाओं को साहित्य से जोड़ने के लिए अनूठे प्रयोग किए हैं। उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। जानें उनके कार्यों और विचारों के बारे में।
Sep 17, 2025, 15:42 IST
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सम्मान समारोह में लोकेन्द्र सिंह का योगदान
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक और प्रसिद्ध लेखक लोकेन्द्र सिंह को 'राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान-2025' से नवाजा गया। यह सम्मान मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह द्वारा प्रदान किया गया। यह पुरस्कार हर साल हिन्दी सॉफ्टवेयर सर्च इंजिन, वेब डिजाइनिंग, डिजिटल भाषा प्रयोगशाला, प्रोग्रामिंग, सोशल मीडिया, और डिजिटल ऑडियो विजुअल एडिटिंग में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है।
ग्वालियर में जन्मे लोकेन्द्र सिंह एक प्रसिद्ध ब्लॉगर हैं, जो सोशल मीडिया और डिजिटल ऑडियो-वीडियो प्रोडक्शन में सक्रिय हैं। उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्में राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं। इसके अलावा, वे नागरिकों को सोशल मीडिया का प्रशिक्षण देने में भी सक्रिय रहते हैं। इससे पहले, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी ने उन्हें ‘फेसबुक/ब्लॉग/नेट’ के लिए ‘अखिल भारतीय नारद मुनि’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। वर्तमान में, वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।
युवाओं के लिए साहित्य को सुलभ बनाना
लोकेन्द्र सिंह ने युवाओं को साहित्य से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो-विजुअल सामग्री का उपयोग करने के अनूठे प्रयोग किए हैं। उनका मानना है कि नई पीढ़ी ऑडियो-वीडियो कंटेंट को अधिक पसंद कर रही है, इसलिए लेखकों को चाहिए कि वे हिन्दी साहित्य की बेहतरीन सामग्री को इस प्रारूप में प्रस्तुत करें। सूचना प्रौद्योगिकी का सही उपयोग करके नई पीढ़ी का प्रबोधन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस दिशा में प्रयास किए, तो उन्हें प्रारंभ में ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘बाचा: द राइजिंग विलेज’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जबकि गाय पर आधारित फिल्म ‘गो-वर’ को भी काफी सराहा गया। इसी तरह, उनकी फिल्म ‘कद: हाइट डजन्ट मैटर’ ने भी फिल्म समीक्षकों की प्रशंसा प्राप्त की है।
ब्लॉगिंग में राष्ट्रीय पहचान
मध्यप्रदेश से हिन्दी ब्लॉगिंग में लोकेन्द्र सिंह का नाम राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। उन्होंने 2006-07 से ऑनलाइन लेखन शुरू किया, जिसमें समसामयिक विषयों पर आलेख, कहानी, कविता, ललित निबंध, रेखाचित्र, पुस्तक समीक्षाएं और यात्रा वृत्तांत शामिल हैं। उनके ब्लॉग को विभिन्न संस्थाओं द्वारा जारी की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉग डायरेक्टरी में शामिल किया जाता है। गूगल ने भी ब्लॉगिंग पर चर्चा के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। इसके अलावा, वे ट्रैवल ब्लॉगर के रूप में भी जाने जाते हैं।