राजस्थान में सौर ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए नई दरें: 55 पैसे की वृद्धि

राजस्थान में सौर ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए नई दरों की घोषणा की गई है, जिसके तहत उन्हें प्रति यूनिट 55 पैसे अधिक मिलेंगे। यह निर्णय न केवल उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देगा। राज्य में 1 लाख 35 हजार से अधिक उपभोक्ता पहले से ही नेट मीटरिंग प्रणाली का लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत भी सौर संयंत्र स्थापित करने पर केंद्रीय सहायता उपलब्ध है। जानें इस नई पहल के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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राजस्थान में सौर ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए नई दरें: 55 पैसे की वृद्धि

राजस्थान में सौर ऊर्जा के लिए नई दरों की घोषणा

राजस्थान सरकार ने घरेलू रूफ टॉप सोलर उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। अब, जो उपभोक्ता अपने घर की छत पर सौर संयंत्र स्थापित कर बिजली उत्पन्न करते हैं और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को देते हैं, उन्हें प्रति यूनिट 2 रुपए 71 पैसे के बजाय 3 रुपए 26 पैसे का भुगतान किया जाएगा। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 55 पैसे अधिक मिलेंगे।


नए आदेशों का प्रभाव

राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के निर्णय के बाद, राज्य के तीनों वितरण निगमों - जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। ये नई दरें चालू बिलिंग माह से प्रभावी होंगी। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को न केवल लाभ होगा, बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


नेट मीटरिंग प्रणाली का विस्तार

राज्य में वर्तमान में 1 लाख 35 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने नेट मीटरिंग प्रणाली के तहत अपने घरों में रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए हैं। दरों में वृद्धि से और अधिक उपभोक्ता सौर ऊर्जा की ओर आकर्षित होंगे, जिससे बिजली बिलों में भी बचत संभव होगी।


प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का योगदान

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत, राजस्थान में अब तक 96 हजार 685 उपभोक्ताओं ने सोलर संयंत्र स्थापित किए हैं। इस योजना में उपभोक्ताओं को 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने पर अधिकतम 78 हजार रुपए तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जा रही है।


सौर ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

राजस्थान में सौर ऊर्जा की बढ़ती क्षमता न केवल हरित ऊर्जा की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी.