भारत में 6G तकनीक का आगाज़: पीएम मोदी ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की कि भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 2025 के अंत तक बाजार में आएगी। इसके साथ ही, भारत 'मेड-इन-इंडिया' 6G नेटवर्क के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। 6G तकनीक, जो कि वायरलेस संचार की छठी पीढ़ी है, उच्च गति और कम लेटेंसी का वादा करती है। यह स्मार्ट शहरों, स्वास्थ्य सेवा और इमर्सिव अनुभवों में क्रांति ला सकती है। जानें इस नई तकनीक के लाभ और विशेषताएँ।
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भारत में 6G तकनीक का आगाज़: पीएम मोदी ने दी जानकारी

भारत में सेमीकंडक्टर चिप का आगाज़

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बताया कि भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप 2025 के अंत तक बाजार में उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि सरकार 'मेड-इन-इंडिया' 6G नेटवर्क के निर्माण के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि सेमीकंडक्टर निर्माण भारत में 50-60 साल पहले शुरू हो सकता था, लेकिन भारत ने उस अवसर को खो दिया। आज हम इस स्थिति को बदल रहे हैं।"


मोदी ने कहा, "इस वर्ष के अंत तक, पहली मेड-इन-इंडिया चिप बाजार में आएगी। हम मेड-इन-इंडिया 6G पर तेजी से काम कर रहे हैं।"


6G क्या है?

6G वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी की छठी पीढ़ी है। जबकि 5G ने मोबाइल ब्रॉडबैंड, मिशन-क्रिटिकल सेवाओं और विशाल IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) में सुधार किया है, 6G इसे अगले स्तर पर ले जाने का वादा करता है। यह 1 Tbps (टेराबिट प्रति सेकंड) से अधिक डेटा गति और 100 माइक्रोसेकंड तक की कम लेटेंसी का वादा करता है।


6G की प्रमुख विशेषताएँ


  • तेराहर्ट्ज़ (THz) आवृत्ति बैंड

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एकीकरण

  • एज कंप्यूटिंग और वितरित नेटवर्क

  • सुरक्षा और गोपनीयता में सुधार

  • मासिव MIMO (मल्टीपल इनपुट, मल्टीपल आउटपुट) और बुद्धिमान बीमफॉर्मिंग


6G के लाभ

इमर्सिव अनुभव: 6G डिजिटल सामग्री के अनुभव को बदल सकता है, भौतिक और आभासी दुनिया के बीच की सीमाओं को धुंधला कर सकता है।


स्मार्ट शहर और बुनियादी ढाँचा: इसकी विशाल कनेक्टिविटी और अल्ट्रा-लो लेटेंसी के कारण, 6G स्मार्ट शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


स्वास्थ्य सेवा: 6G क्रांति भारत में स्वास्थ्य सेवा को बदल सकती है।


6G के लिए अनुसंधान और विकास

भारत पहले से ही 6G अनुसंधान और विकास में निवेश कर रहा है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने 6G प्रौद्योगिकी नवाचार समूह (6G-TIG) की स्थापना की है।


6G की सफल तैनाती के लिए कुशल स्पेक्ट्रम आवंटन आवश्यक है। भारतीय सरकार 6G सेवाओं के लिए तेराहर्ट्ज़ (THz) आवृत्ति बैंड की खोज कर रही है।


6G का रोलआउट नेटवर्क और बुनियादी ढाँचे में बड़े पैमाने पर उन्नयन की आवश्यकता होगी।