बैंकों में 1.84 लाख करोड़ रुपये की अनक्लेमड संपत्तियों का दावा कैसे करें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की कि बैंकों में 1.84 लाख करोड़ रुपये की अनक्लेमड संपत्तियां पड़ी हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि ये संपत्तियां उनके असली मालिकों तक पहुंचाई जाएं। इस अभियान के तहत, लोग यूडीजीएएम पोर्टल के माध्यम से अपनी संपत्तियों का दावा कर सकते हैं। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और कैसे आप अपनी बिना दावे की संपत्तियों को प्राप्त कर सकते हैं।
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बैंकों में 1.84 लाख करोड़ रुपये की अनक्लेमड संपत्तियों का दावा कैसे करें

बैंकों में अनक्लेमड संपत्तियों की जानकारी

बैंकों में 1.84 लाख करोड़ रुपये की अनक्लेमड संपत्तियों का दावा कैसे करें

1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया कि बैंकों और नियामकों के पास 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां बिना दावे के पड़ी हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि ये संपत्तियां उनके असली मालिकों तक पहुंचाई जाएं। सीतारमण ने गांधीनगर में एक अभियान 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' का शुभारंभ किया।


उन्होंने कहा कि ये बिना दावे वाली संपत्तियां बैंक जमा, बीमा, भविष्य निधि या शेयरों के रूप में हैं। मंत्री ने अधिकारियों को तीन महीने के इस अभियान के दौरान जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।


असली मालिकों को मिलेगी रकम

सीतारमण ने स्पष्ट किया कि बिना दावे की धनराशि बैंकों, आरबीआई या आईईपीएफ के पास सुरक्षित है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सही कागजात के साथ आने पर धनराशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि संपत्ति पर लंबे समय तक दावा नहीं किया जाता है, तो इसे एक संस्था से दूसरी संस्था में स्थानांतरित कर दिया जाता है।


उदाहरण के लिए, जमा राशि बैंकों से आरबीआई के पास चली जाती है, जबकि शेयरों को सेबी से अन्य केंद्रों में स्थानांतरित किया जाता है।


यूडीजीएएम पोर्टल से करें दावा

सीतारमण ने बताया कि आरबीआई ने यूडीजीएएम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन) पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी संपत्तियों का दावा करें। मंत्री ने सरकारी और बैंक अधिकारियों से जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया ताकि लोग अपनी बिना दावे की संपत्तियों का दावा कर सकें।


उन्होंने कहा कि अधिकारियों को लोगों को बताना चाहिए कि उनका पैसा वहां पड़ा है और उन्हें सही दस्तावेजों के साथ आना चाहिए।


संगठित प्रयास की आवश्यकता

सीतारमण ने कहा कि एक संगठित प्रयास ही इस अभियान को सफल बना सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख किया, जिन्होंने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे लोगों से संपर्क करें और उन्हें बकाया राशि के लिए प्रेरित करें।


उन्होंने गुजरात ग्रामीण बैंक की सराहना की, जिसने आश्वासन दिया कि उसके अधिकारी राज्य के हर गांव में जाकर बिना दावे वाली जमा राशि के असली मालिकों की पहचान करेंगे।