प्लूटो ग्रह: रहस्यमय यम ग्रह की अनोखी जानकारी

प्लूटो ग्रह का परिचय
प्लूटो को अक्सर 'यम ग्रह' के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे कई रहस्यमय और अजीब तथ्य हैं, जो इसे इस नाम के योग्य बनाते हैं। यह ग्रह काफी दूर स्थित है और इसकी खोज 18 फरवरी 1930 को हुई थी। कहा जाता है कि इसका पता एक गलती के कारण चला। खगोलज्ञ क्लीड डब्ल्यू. टॉमबॉघ उस समय 'प्लैनेट एक्स' की खोज कर रहे थे, जो यूरेनस और नेपच्यून की कक्षाओं में असामान्यताएँ उत्पन्न कर रहा था। इसी खोज के दौरान उन्हें यह ग्रह मिला।
प्लूटो का नामकरण
जब इस ग्रह की खोज की गई थी, तब इसका नाम प्लूटो नहीं था। इसे यह नाम ऑक्सफोर्ड स्कूल की एक 11वीं कक्षा की छात्रा, वेनेशिया बर्ने ने दिया था। उन्होंने तर्क दिया कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहा जाता है और चूंकि इस ग्रह पर हमेशा अंधेरा रहता है, इसलिए इसका नाम प्लूटो रखा जाना चाहिए। इस सुझाव के लिए उन्हें पांच पाउंड का पुरस्कार भी मिला, जो आज के समय में लगभग 499 रुपये के बराबर है।
प्लूटो ग्रह से जुड़ी रोचक जानकारी
प्लूटो ग्रह की विशेषताएँ

1. प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 248 वर्ष लगते हैं।
2. इस ग्रह में एक दिन पृथ्वी के 6.4 दिनों के बराबर होता है।
3. प्लूटो में 24 घंटे लगभग 153 घंटे के बराबर होते हैं।

4. सूर्य की रोशनी प्लूटो तक पहुंचने में लगभग 5 घंटे लगते हैं, जबकि पृथ्वी पर यह 8 मिनट और 20 सेकंड में पहुंचती है।
5. प्लूटो पर बर्फ मौजूद है और यहां पानी की मात्रा पृथ्वी के सभी महासागरों से लगभग तीन गुना अधिक है।
6. तापमान बहुत कम होने के कारण इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है, इसकी सतह का तापमान -233 से -223 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
7. प्लूटो को पहले सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता था, लेकिन 2006 में इसे बौने ग्रहों की श्रेणी में डाल दिया गया।