पत्तागोभी और टेपवर्म: जानें क्या है सच

पत्तागोभी का खतरा
नई दिल्ली: जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, हरी पत्तेदार सब्जियों की भरपूर उपज होती है। इनमें से एक प्रमुख सब्जी पत्तागोभी है, जिसे बंदगोभी भी कहा जाता है।
हाल के वर्षों में यह चर्चा में रहा है कि पत्तागोभी में एक प्रकार का कीड़ा होता है, जो दिमाग तक पहुंच सकता है। यह दावा किया गया है कि पत्तागोभी को उबालने पर भी यह कीड़ा खत्म नहीं होता। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है।
कई रिपोर्टों में यह बताया गया है कि यदि पत्तागोभी को ठीक से पकाया नहीं गया तो उसमें मौजूद टेपवर्म शरीर में प्रवेश कर सकता है, जो जानलेवा हो सकता है। यह कीड़ा खाने के साथ पेट में जाता है और फिर आंतों के माध्यम से रक्त प्रवाह के जरिए दिमाग तक पहुंच सकता है। इस डर के कारण कई लोग पत्तागोभी खाने से बचते हैं। इस विषय पर सच्चाई जानने के लिए हमने विशेषज्ञों से बात की।
टेपवर्म क्या है?
टेपवर्म एक चपटा परजीवी कीड़ा है, जो विभिन्न जानवरों को संक्रमित करता है और उनकी आंतों में पाया जाता है। यह मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है। यह आंतों में रहकर पोषक तत्वों का सेवन करता है, जिससे मतली, कमजोरी, दस्त और थकान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
जब मनुष्य या जानवर मल त्याग करते हैं, तो टेपवर्म बाहर निकल जाते हैं और अन्य जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं।
दिमाग में कीड़े की बीमारी
पत्तागोभी के पत्तों में टेपवर्म हो सकते हैं। यदि कच्ची या कम पकी पत्तागोभी खाई जाए, तो यह शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि केवल पानी से धोने से टेपवर्म खत्म नहीं होते।
डॉ. सुमीत धवन का कहना है कि न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस एक सामान्य समस्या है, जो आमतौर पर कच्ची पत्तागोभी खाने से होती है। यदि पत्तागोभी को ठीक से साफ नहीं किया गया, तो यह कीड़े या उनके अंडों को शरीर में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है।
पत्तागोभी को साफ करने के उपाय
डॉ. गुरनीत सिंह साहनी के अनुसार, पत्तागोभी के कीड़ों को सिस्टीसर्कस कहा जाता है। यह मुख्य रूप से सूअर के मांस से होता है। यदि पत्तागोभी या गाजर को ठीक से साफ नहीं किया गया, तो यह समस्या उत्पन्न कर सकता है।
पत्तागोभी को अच्छे से धोना और उसकी ऊपरी परत को हटाना आवश्यक है। इसके अलावा, इसे अच्छी तरह से पकाने से भी कीड़े और उनके अंडे नष्ट हो सकते हैं।
दिमाग में कीड़े के लक्षण और इलाज
यदि टेपवर्म शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, तो वे आंतों के माध्यम से रक्त प्रवाह में पहुंच सकते हैं। इसके लक्षणों में पेट दर्द, मिरगी के दौरे, कमजोरी, उल्टी और सांस फूलना शामिल हैं।
इसका इलाज विभिन्न दवाओं के माध्यम से किया जाता है, जिसमें कीड़े मारने वाली दवा, सूजन कम करने वाली दवा और मिरगी की दवा शामिल होती हैं।
टेपवर्म का प्रजनन
डॉ. गगनदीप सिंह के अनुसार, टेपवर्म सफाई की कमी या मांस खाने के कारण होता है। हाल ही में स्वच्छता अभियानों के कारण न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस के मामलों में कमी आई है।
न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस से बचने के तरीके
पत्तागोभी खाने से टेपवर्म का प्रजनन नहीं होता है, लेकिन अनहेल्दी तरीके से उगाई गई सब्जियों में यह समस्या हो सकती है। सब्जियों को अच्छी तरह से धोना और पकाना आवश्यक है।