डेंगू और टाइफाइड: एक साथ संक्रमण का खतरा और बचाव के उपाय

डेंगू और टाइफाइड का बढ़ता खतरा

डेंगू और टाइफाइडImage Credit source: Getty Images
डेंगू और टाइफाइड: मौसमी बदलाव और बारिश के दौरान डेंगू और टाइफाइड के मामलों में वृद्धि होती है। डेंगू का संक्रमण एडीज़ मच्छर के काटने से होता है, जबकि टाइफाइड दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है। बच्चों, बुजुर्गों और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अधिक खतरा होता है। उच्च तापमान और नमी मच्छरों की संख्या को बढ़ाते हैं, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। गंदे पानी या असुरक्षित भोजन से टाइफाइड का संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। इन दोनों बीमारियों का मौसम के बदलाव और जीवनशैली से गहरा संबंध है.
हाल ही में कुछ मरीजों में एक साथ डेंगू और टाइफाइड का संक्रमण देखा गया है। इसका कारण यह है कि दोनों बीमारियां अलग-अलग तरीकों से शरीर में प्रवेश करती हैं। डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जबकि टाइफाइड बैक्टीरिया से होता है। यदि किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर है, तो वह दोनों संक्रमणों का सामना नहीं कर पाता, जिससे को-इंफेक्शन हो सकता है। यह स्थिति जटिल हो सकती है और समय पर उपचार आवश्यक है.
डेंगू और टाइफाइड का एक साथ होना: खतरे की घंटी
डेंगू और टाइफाइड एक साथ होना कितना खतरनाक है?
आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार, एक साथ डेंगू और टाइफाइड होने पर बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है। दोनों बीमारियों में तेज बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण सामान्य होते हैं, लेकिन को-इंफेक्शन में लक्षण अधिक तीव्र और लगातार बने रहते हैं। डेंगू के कारण रक्त में प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है, जिससे ब्लीडिंग और कमजोरी बढ़ जाती है। टाइफाइड से पेट और पाचन तंत्र प्रभावित होते हैं, जिससे भूख में कमी और डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है.
यदि समय पर इलाज नहीं किया गया, तो मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है और अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। डॉक्टर का कहना है कि को-इंफेक्शन के उपचार में सावधानी और दोनों बीमारियों के लिए अलग-अलग दवाओं का संयोजन आवश्यक है। इसलिए, शरीर में किसी भी गंभीर लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बचाव के उपाय
कैसे करें बचाव
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और मच्छर रिपेलेंट का उपयोग करें.
साफ पानी पिएं और सुरक्षित भोजन का सेवन करें.
घर और आसपास सफाई रखें और जलभराव से बचें.
बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करें.
डेंगू और टाइफाइड के टीके समय पर लगवाएं.
बुखार, कमजोरी या पेट दर्द जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.