चाणक्य नीति: जीवन में किन चीजों को छूने से बचें
आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, ने 'चाणक्य नीति' में जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रस्तुत किया है। इस लेख में जानें कि किन चीजों को छूने से बचना चाहिए, जैसे बूढ़े व्यक्ति, शिशु, अग्नि और गाय। इन सावधानियों का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है। आचार्य चाणक्य की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और हमें एक बेहतर जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।
Aug 8, 2025, 03:54 IST
|

आचार्य चाणक्य की शिक्षाएँ
आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास के महानतम विद्वानों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अपने ग्रंथ 'चाणक्य नीति' के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सरलता से प्रस्तुत किया है। इन नीतियों के अनुसार, कुछ चीजें ऐसी हैं जिनसे बचना चाहिए, क्योंकि इनसे व्यक्ति को पाप लगता है और वह जीवनभर दुखों का सामना करता है। भगवान भी ऐसे कर्मों को क्षमा नहीं करते।
चाणक्य नीति के अनुसार सावधानियाँ
- बूढ़े व्यक्ति, गुरु और ब्राह्मण:
इनका सम्मान करना आवश्यक है। यदि इन्हें पैरों से छुआ गया, तो व्यक्ति को जीवनभर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। - छोटे शिशु और कन्याएँ:
नवजात शिशुओं और कन्याओं को पैरों से छूने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति की कमी हो सकती है। - अग्नि:
सनातन धर्म में अग्नि को देवता माना जाता है। इसे पैरों से छूना महापाप के समान है, जो जीवन में दुखों का कारण बनता है। - गाय:
गाय को माँ के रूप में पूजा जाता है। इसे पैरों से छूना अपमानजनक माना जाता है, जो आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
निष्कर्ष
इन नियमों का पालन करना आवश्यक है और हमें इन वस्तुओं एवं व्यक्तियों को कभी भी पैरों से छूने से बचना चाहिए। आचार्य चाणक्य की ये शिक्षाएँ आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं, जिनका पालन कर हम सुखमय और शांति पूर्ण जीवन जी सकते हैं।