गूगल का AI हब: भारत में नई तकनीकी क्रांति का आगाज़

गूगल का AI हब: भारत में निवेश का बड़ा कदम

गूगल AIImage Credit source: Freepik
गूगल ने हाल ही में भारत में एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। कंपनी आंध्र प्रदेश में एक AI हब स्थापित करने जा रही है, जिसमें अगले पांच वर्षों में 15 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इस पहल के साथ, भारत को एक AI हब के रूप में वैश्विक पहचान मिलने की संभावना है, जिससे भारतीय छात्रों को भी लाभ होगा।
आइए जानते हैं कि इस AI हब में क्या सुविधाएं होंगी और यह भारतीय छात्रों के लिए कैसे फायदेमंद साबित होगा।
AI हब की विशेषताएँ
इस हब में विशाल डेटा सेंटर, उन्नत ऊर्जा प्रणालियाँ और एक विस्तृत फाइबर नेटवर्क शामिल होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में AI-संचालित नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं। छात्रों के लिए, यह हब अत्याधुनिक AI तकनीकों के साथ सीखने और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के अवसर प्रदान करेगा।
AI हब एक केंद्रीय स्थान के रूप में कार्य करेगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल के विकास, प्रशिक्षण और प्रबंधन के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराएगा।
AI हब में क्या होगा?
गूगल अपने AI हब में कई सुविधाएँ विकसित करेगा, जिसमें एक डेटा सेंटर शामिल होगा। डेटा सेंटर के लिए गूगल को अपनी ऊर्जा प्रणाली को मजबूत करना होगा, क्योंकि इसे ठंडा रखने के लिए बिजली और पानी की आवश्यकता होती है। डेटा सेंटर में सर्वर और स्टोरेज की सुविधाएँ होंगी, जो AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और चलाने में सहायक होंगी। इसमें ईमेल, वीडियो, क्लाउड फाइलें और वेबसाइटों जैसे डेटा का संग्रह होगा।
गूगल ने कहा है कि भारत में उसका डेटा सेंटर सर्च, यूट्यूब और वर्कस्पेस जैसी वैश्विक सेवाओं के लिए बुनियादी ढाँचे के अनुरूप होगा। इसके साथ ही, AI हब में फाइबर नेटवर्क भी होगा।
नौकरियों का सृजन
गूगल के इस AI हब के निर्माण से भारतीय छात्रों को लाभ होगा। अनुमान है कि इससे भारत में दो लाख नई नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। AI हब के माध्यम से छात्रों को AI के बैकग्राउंड ऑपरेशन को समझने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। मशीन लर्निंग, ट्रेनिंग, रिसर्च, क्लाउड और प्रोडक्शन टूल्स जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे।
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