गुरु बृहस्पति: ज्योतिष में मंत्री का महत्व और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय
गुरु बृहस्पति का महत्व
गुरु बृहस्पतिImage Credit source: AI
बृहस्पति ज्योतिष: भारतीय ज्योतिष और पुरानी कथाओं में देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) को एक विशेष स्थान प्राप्त है। उन्हें नवग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माना जाता है और उन्हें ‘देवगुरु’ और ‘मंत्री’ की उपाधि भी दी गई है। गुरु का प्रभाव ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह, धन और भाग्य से जुड़ा होता है। यदि किसी की कुंडली में गुरु मजबूत स्थिति में हो, तो उसे जीवन में अपार सफलता और सुख की प्राप्ति होती है। ज्योतिष में हर ग्रह को एक विशेष भूमिका दी गई है, जो उसकी प्रकृति और कार्यों को दर्शाती है। बृहस्पति को ‘मंत्री’ कहे जाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। आइए जानते हैं।
देवताओं के सलाहकार
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बृहस्पति देवताओं के गुरु और मुख्य सलाहकार हैं। वे अपनी बुद्धि और ज्ञान से देवताओं को सही मार्गदर्शन देते हैं, ताकि वे असुरों पर विजय प्राप्त कर सकें। किसी भी राज्य में मंत्री का कार्य राजा को सही और नैतिक सलाह देना होता है, यही भूमिका बृहस्पति देवों के बीच निभाते हैं।
ज्ञान और विवेक का प्रतीक
बृहस्पति ग्रह ज्ञान, शिक्षा, धर्म, आध्यात्मिकता और विवेक का प्रतिनिधित्व करता है। एक अच्छा मंत्री वही होता है जो ज्ञानवान हो और सही-गलत का विवेक रखता हो। बृहस्पति के पास यह गुण सर्वोच्च रूप में है, इसलिए उन्हें ‘देवताओं का मंत्री’ कहा गया है।
शुभता और विस्तार का प्रतीक
गुरु को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है। वह जिस भाव (घर) में होते हैं, उससे संबंधित चीज़ों का विस्तार करते हैं। उनका ‘मंत्रित्व’ केवल सलाह देने तक सीमित नहीं, बल्कि यह देवताओं के राज्य में सुख, समृद्धि और व्यवस्था बनाए रखने का भी प्रतीक है।
न्याय और धर्म के संरक्षक
गुरु धर्म के कारक हैं। वह हमेशा धर्म और नीति-आधारित निर्णय लेने के लिए प्रेरित करते हैं। मंत्री का कर्तव्य भी धर्म और न्याय की रक्षा करना होता है।
गुरु बृहस्पति के प्रसन्न होने से क्या लाभ होता है?
- जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु मजबूत होते हैं, वह निम्नलिखित क्षेत्रों में लाभ प्राप्त करता है:
- धन और समृद्धि: व्यक्ति को धन-संपत्ति, उच्च पद और आर्थिक संपन्नता मिलती है।
- विवाह और संतान: विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
- शिक्षा और ज्ञान: उच्च शिक्षा, गहन ज्ञान और अद्भुत बुद्धि प्राप्त होती है।
- भाग्य: व्यक्ति का भाग्य उसका साथ देता है और जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
गुरुवार को करें ये उपाय, गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करें!
गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन किए गए उपाय अत्यंत फलदायी माने जाते हैं और गुरु दोष को शांत करते हैं।
- पीली वस्तुओं का दान करें जैसे चने की दाल, हल्दी, गुड़, पीली मिठाई, पीले वस्त्र या केला किसी ज़रूरतमंद को या मंदिर में। इससे धन और भाग्य में वृद्धि होती है।
- केले के पेड़ की पूजा करें, जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। ध्यान रखें, इस दिन केला नहीं खाना चाहिए।
- गुरु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत रखें और पीले रंग के वस्त्र पहनें। इससे वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
- भगवान विष्णु को गुरु का ईष्टदेव माना जाता है। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना या सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना शुभ होता है।
- माथे पर केसर, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाएं और गुरु के बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
- अपने गुरु, शिक्षकों और बुजुर्गों का सम्मान करें। इनकी सेवा करने से बृहस्पति प्रसन्न होते हैं।
- स्नान के जल में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। भगवान विष्णु को पीले फूल और भोग अर्पित करें।
