केरल उच्च न्यायालय ने KEAM 2025 परीक्षा विवरणिका में बदलाव को रद्द किया

केरल उच्च न्यायालय ने KEAM 2025 परीक्षा की विवरणिका में अंतिम समय में किए गए बदलाव को अवैध और अनुचित करार देते हुए रद्द कर दिया है। छात्रों ने इस बदलाव के कारण अपनी रैंकिंग में बदलाव का आरोप लगाया था। अदालत ने आदेश दिया कि रैंक सूची को पहले की विवरणिका के अनुसार फिर से जारी किया जाए। इस निर्णय से छात्रों में राहत की लहर है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के आदेश के पीछे की वजह।
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केरल उच्च न्यायालय ने KEAM 2025 परीक्षा विवरणिका में बदलाव को रद्द किया

केरल उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार द्वारा KEAM 2025 प्रवेश परीक्षा की विवरणिका में किए गए अंतिम समय के संशोधनों को 'अवैध, मनमाना और अनुचित' करार देते हुए रद्द कर दिया।


राज्य सरकार ने एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ खंडपीठ में अपील दायर की है, और इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होने की संभावना है।


यह आदेश सीबीएसई के छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर जारी किया गया, जिन्होंने KEAM (केरल इंजीनियरिंग, वास्तुकला और चिकित्सा प्रवेश परीक्षा) में भाग लिया था।


छात्रों ने तर्क किया कि एक जुलाई को रैंक सूची जारी होने से ठीक एक घंटे पहले किए गए इस बदलाव ने उनके अंतिम अंकों की गणना की प्रक्रिया को प्रभावित किया।


अदालत ने कहा कि इस निर्णय का समय संदिग्ध प्रतीत होता है।


न्यायमूर्ति डी.के. सिंह ने कहा कि परीक्षा के बाद रैंक सूची के प्रकाशन से एक घंटे पहले विवरणिका में बदलाव पूरी तरह से अनुचित और अवैध है।


अदालत ने आदेश दिया कि 19 फरवरी की विवरणिका में दिए गए मूल फॉर्मूले का उपयोग करके रैंक सूची को फिर से जारी किया जाए।


आदेश में कहा गया, 'विवरणिका में बदलाव को रद्द किया जाता है।' प्रवेश परीक्षा आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि वह 19 फरवरी, 2025 को जारी की गई विवरणिका के अनुसार रैंक सूची प्रकाशित करें।


अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने परिणामों को देखा और पाया कि केरल स्ट्रीम के छात्रों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, जिसके चलते एक जुलाई, 2025 को परिणामों के प्रकाशन से एक घंटे पहले विवरणिका में बदलाव करने का निर्णय लिया गया।