आंखों के कैंसर के लक्षण और जोखिम कारक

आंखों का महत्व और कैंसर के संकेत
आंखें हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रोशनी के बिना जीवन अधूरा लगता है। जब भी आंखों में कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। कई बार हम छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में गंभीर रूप ले लेती हैं। उदाहरण के लिए, आंखों का कैंसर। कई लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती।
कैंसर के लक्षणों की पहचान

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसकी पहचान जितनी जल्दी हो जाए, इलाज उतना ही सरल होता है। जब कैंसर होता है, तो शरीर कुछ विशेष संकेत देता है। इन संकेतों को पहचानकर हम कैंसर के प्रति सतर्क हो सकते हैं। आज हम आंखों के कैंसर से संबंधित कुछ लक्षणों पर चर्चा करेंगे।
आंखों के कैंसर के संकेत
1. धुंधला दिखना: यदि चश्मा पहनने के बाद भी चीजें स्पष्ट नहीं दिखतीं, तो यह आंखों के कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में आंखों की जांच कराना आवश्यक है।

2. आंखों में दर्द, बार-बार लाल होना, मोती जैसी गांठ बनना या आंखों से पानी निकलना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी है।
3. अचानक या धीरे-धीरे आंखों से दिखना बंद होना भी कैंसर का संकेत हो सकता है। कभी-कभी एक ही चीज का दो बार दिखाई देना भी शामिल होता है।

4. आंखों में अत्यधिक जलन, लगातार लाल रहना या आंखों का अपनी जगह से हिलना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

5. बार-बार आंखों में खुजली होना या आंखों में काला या सफेद मोतिबिंदु होना भी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
किसे है अधिक खतरा?
हालांकि आंखों के कैंसर का कोई निश्चित कारण नहीं है, लेकिन कुछ विशेष समूहों में इसका खतरा अधिक होता है।

1. जिन लोगों की आंखों का रंग नीला या हरा होता है, उन्हें आंखों के कैंसर का अधिक खतरा होता है।
2. हल्के रंग के लोगों में कैंसर के मामले अधिक देखे जाते हैं।
3. 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में आंखों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

4. कुछ स्किन डिसऑर्डर वाले लोगों में भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
5. यूवी लाइट एक्सपोजर और बच्चों में विशेष जीन के कारण भी आंखों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।