NPS में नए नियम: रिटायरमेंट के बाद अधिक लचीलापन और विकल्प
NPS के नए नियम
NPS के नए नियम
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से संबंधित नियमों में सरकार ने महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 2025 में नए एग्जिट और विड्रॉल नियम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अधिक स्वतंत्रता और बेहतर विकल्प प्रदान करना है। इन परिवर्तनों के कारण पेंशन योजना अब पहले से कहीं अधिक लचीली और सरल हो गई है.
NPS में निवेश की उम्र बढ़कर 85 साल
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब सरकारी NPS सब्सक्राइबर 75 साल की बजाय 85 साल की उम्र तक अपने NPS खाते में निवेश जारी रख सकते हैं। इसका मतलब है कि रिटायरमेंट के बाद भी उनका पैसा लंबे समय तक बढ़ता रहेगा। 85 साल की उम्र पूरी होने पर, सब्सक्राइबर को अपने कुल कॉर्पस का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युइटी में लगाना होगा, जिससे उन्हें नियमित पेंशन मिलती रहेगी। शेष राशि को एकमुश्त या किस्तों में निकालने का विकल्प भी उपलब्ध होगा.
छोटे कॉर्पस के लिए 100% निकासी की सुविधा
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक और महत्वपूर्ण राहत यह है कि अब रिटायरमेंट पर 8 लाख रुपये तक का पूरा NPS कॉर्पस निकाला जा सकता है। पहले यह सीमा केवल 5 लाख रुपये थी। इसका मतलब है कि जिन कर्मचारियों का रिटायरमेंट फंड छोटा है, उन्हें एन्युइटी लेने की बाध्यता नहीं होगी और वे पूरा पैसा एक साथ निकाल सकते हैं.
8 से 12 लाख रुपये वाले कॉर्पस पर नए विकल्प
यदि किसी सरकारी कर्मचारी का NPS कॉर्पस 8 लाख से अधिक और 12 लाख रुपये तक है, तो उसके पास कई विकल्प होंगे। वह 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकता है और शेष राशि को किस्तों में ले सकता है या एन्युइटी खरीद सकता है। इसके अलावा, वह कुल कॉर्पस का 60 प्रतिशत एक साथ निकालकर बाकी 40 प्रतिशत से पेंशन की व्यवस्था भी कर सकता है.
सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन का विकल्प
NPS में पहली बार सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन (SUR) का विकल्प जोड़ा गया है। इसके तहत सब्सक्राइबर एक निश्चित समय पर अपने निवेश की कुछ यूनिट्स बेचकर नियमित रूप से पैसा निकाल सकता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो एक साथ बड़ी राशि नहीं निकालना चाहते और धीरे-धीरे फंड का उपयोग करना चाहते हैं. इससे लंबी उम्र के बाद भी पैसे खत्म होने का डर कम होता है.
मृत्यु की स्थिति में परिवार को सुरक्षा
नए नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी NPS सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है और उसका कॉर्पस 8 से 12 लाख रुपये के बीच है, तो नॉमिनी 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकता है। शेष राशि SUR के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, जिससे परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता मिलती है और भविष्य की सुरक्षा भी बनी रहती है.
लापता या मृत मान लिए गए कर्मचारियों के लिए नियम
यदि कोई NPS सब्सक्राइबर लापता हो जाता है, तो उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को तुरंत राहत के तौर पर कुल जमा राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा। बाकी 80 प्रतिशत राशि सुरक्षित रखी जाएगी और कानून के तहत व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के बाद दी जाएगी, जिससे परिवार को शुरुआती समय में आर्थिक सहारा मिल सकेगा.
इन बदलावों का महत्व
NPS के ये नए नियम सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक विकल्प, बेहतर लचीलापन और अधिक नियंत्रण प्रदान करते हैं। लंबे समय तक निवेश, अधिक विड्रॉल लिमिट और SUR जैसे नए विकल्प रिटायरमेंट योजना को पहले से अधिक मजबूत बनाते हैं.
