Google का नया AI वीडियो टूल Veo 3: संभावित खतरों पर विशेषज्ञों की चेतावनी

Google ने हाल ही में Veo 3 नामक एक नया AI वीडियो निर्माण उपकरण लॉन्च किया है, जो भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। TIME की एक रिपोर्ट में इस उपकरण के संभावित खतरों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें बताया गया है कि यह भ्रामक जानकारी वाले वीडियो बनाने में सक्षम है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वीडियो का प्रसार गलत सूचना फैलाने में मदद कर सकता है। AI विशेषज्ञ देविका छिब्बर मेहता ने इस उपकरण के प्रभाव और भारत में इसके उपयोग के खतरों पर चर्चा की है। Google ने सुरक्षा उपायों की घोषणा की है, लेकिन क्या ये उपाय पर्याप्त हैं? जानें इस लेख में।
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Veo 3 का परिचय: एक नई तकनीकी क्रांति

Google ने हाल ही में एक अत्याधुनिक AI-संचालित वीडियो निर्माण उपकरण, Veo 3, लॉन्च किया है, जो अब भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। TIME द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस उपकरण का विश्लेषण किया गया है, और इसके परिणाम चिंताजनक हैं।


खतरनाक लेकिन यथार्थवादी: विशेषज्ञों की चिंताएँ

इस उपकरण द्वारा बनाए गए वीडियो में भ्रामक या संवेदनशील जानकारी शामिल हो सकती है। TIME की रिपोर्ट के अनुसार, Veo 3 द्वारा निर्मित वीडियो में ऐसे दृश्य शामिल हैं जैसे 'एक पाकिस्तानी भीड़ एक हिंदू मंदिर को आग लगा रही है'। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर साझा होने पर गलत सूचना फैलाने में मदद कर सकते हैं।


AI विशेषज्ञ की राय: खतरे का विश्लेषण

AI विशेषज्ञ देविका छिब्बर मेहता ने बताया कि Veo 3 एक ऐसा AI मॉडल है जो सरल टेक्स्ट या इमेज प्रॉम्प्ट का उपयोग करके जीवंत वीडियो क्लिप बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी जनसंख्या और इंटरनेट की उच्च पहुंच के कारण ऐसे वीडियो का प्रसार आसान हो जाता है।


सत्य या झूठ? भ्रम की स्थिति

यह पहचानना कठिन हो रहा है कि वीडियो असली है या नकली। हाल ही में, एक पोस्ट ने दावा किया कि एक पत्रकार ने गाजा में सहायता वितरण का AI-निर्मित वीडियो साझा किया, लेकिन बाद में पुष्टि हुई कि फुटेज असली था।


Google की प्रतिक्रिया: सुरक्षा उपाय

Google ने कहा है कि उसने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नीतियाँ लागू की हैं और जिम्मेदार AI विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। कंपनी ने सभी वीडियो में स्पष्ट वॉटरमार्क जोड़े हैं और SynthID डिटेक्शन टूल लॉन्च किया है।