स्मार्टफोन की लत और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग आज के जीवन का एक सामान्य हिस्सा बन गया है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर हो सकते हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का अधिक उपयोग चिंता और अवसाद का कारण बन सकता है। नीली रोशनी से नींद प्रभावित होती है, और सोशल मीडिया पर तुलना करने से तनाव बढ़ता है। जानें कि कैसे स्मार्टफोन की लत से बचा जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
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स्मार्टफोन की लत और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्मार्टफोन की लत के दुष्प्रभाव


स्मार्टफोन की लत के दुष्प्रभाव: आज के समय में स्मार्टफोन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। लोग इसके बिना कुछ समय भी नहीं बिता सकते। यह उपकरण कई कार्यों को घर बैठे करने में सहायक है, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। चाहे बच्चे हों या बुजुर्ग, जो भी स्मार्टफोन का अधिक उपयोग करता है, उसे इसकी लत लग जाती है। स्मार्टफोन की लत से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि स्मार्टफोन किस प्रकार मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।


कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। स्मार्टफोन की लत से मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सोशल मीडिया पर लगातार अपडेट्स से 'फियर ऑफ मिसिंग आउट' (FOMO) की भावना पैदा होती है, जिससे लोग महत्वपूर्ण जानकारी से चूकने का डर महसूस करते हैं। यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह चिंता और अवसाद का कारण बन सकती है। इससे बचने के लिए स्क्रीन टाइम की सीमा निर्धारित करना आवश्यक है।


कई शोधों से पता चला है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग नींद से संबंधित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। दरअसल, स्मार्टफोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती है, जिससे नींद का चक्र प्रभावित होता है। नींद की गुणवत्ता में कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे तनाव, चिंता और अवसाद का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को सोने से 1-2 घंटे पहले स्मार्टफोन का उपयोग बंद कर देना चाहिए, ताकि बेहतर नींद मिल सके।


अधिकतर लोग स्मार्टफोन पर लंबे समय तक सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, जिससे अनावश्यक तनाव उत्पन्न होता है। सोशल मीडिया पर लोग एक-दूसरे से अपनी तुलना करते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सोशल मीडिया कंपनियां उपयोगकर्ताओं के डेटा के आधार पर विज्ञापन देती हैं, जिससे लोग खरीदारी के लिए प्रेरित होते हैं। लंबे समय तक इस प्रकार की खरीदारी करने से कई बार वित्तीय तनाव का सामना करना पड़ता है, जिसका सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए सोशल मीडिया से दूरी बनाना भी आवश्यक है।


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