भारत की आर्थिक प्रगति पर IMF की सराहना और सुधारों की आवश्यकता

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की है। उन्होंने इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया और सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। जॉर्जीवा ने भारत को वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बताया, लेकिन साथ ही निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने, व्यापारिक सुधारों और नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी। जानें IMF की ये सलाहें और भारत की आर्थिक स्थिति पर उनका क्या प्रभाव हो सकता है।
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भारत की आर्थिक प्रगति पर IMF की सराहना और सुधारों की आवश्यकता

IMF की प्रमुख का भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण

भारत की आर्थिक प्रगति पर IMF की सराहना और सुधारों की आवश्यकता

आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक पर अपनी मुहर लगाई है. आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए इसकी जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जो दुनिया के लिए एक अच्छी ख़बर है. लेकिन इस तारीफ़ के साथ ही जॉर्जीवा ने भारत को भविष्य के लिए एक अहम संदेश भी दिया है. उनका कहना है कि इस रफ़्तार को बनाए रखने और इसे और तेज़ करने के लिए भारत को कुछ गहरे और ज़रूरी सुधारों पर तेज़ी से काम करना होगा.

भारत की तेज़ रफ़्तार पर दुनिया की नज़र

पूरी दुनिया जब आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से गुज़र रही है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था एक मज़बूत स्तंभ की तरह खड़ी है. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में एक बड़ी और सकारात्मक भूमिका निभा रहा है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी विकास दर से जूझ रही हैं. आईएमएफ का मानना है कि दुनिया इस समय लगभग 3% की विकास दर पर अटक गई है, ऐसे में भारत का प्रदर्शन पूरी दुनिया को सहारा दे रहा है. हालांकि, आईएमएफ ने यह भी साफ़ किया है कि वैश्विक मंच पर भारत को अपनी व्यापारिक क्षमताओं का और विस्तार करना होगा. उन्होंने संकेत दिया कि भारत ने अभी भी व्यापार के क्षेत्र में कुछ बाधाएं बनाए रखी हैं, जैसे कि टैरिफ और कुछ अन्य प्रतिबंध. इन बाधाओं को हटाकर भारत दुनिया के साथ और बेहतर तरीके से जुड़ सकता है, जिससे देश में निवेश और विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी.

IMF ने भारत को दी ये तीन अहम सलाहें

आईएमएफ ने भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति की तारीफ़ तो की, लेकिन साथ ही भविष्य की राह भी दिखाई है. संगठन ने भारत को तीन प्रमुख क्षेत्रों में काम करने की सलाह दी है. पहली और सबसे अहम सलाह निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की है. आईएमएफ का मानना है कि भारत को ऐसे सुधार करने चाहिए, जिससे निजी कंपनियां और निवेशक देश के विकास में ज़्यादा से ज़्यादा भागीदार बन सकें. इसके लिए कई क्षेत्रों को निजी निवेश के लिए खोलने की ज़रूरत है, जिससे न केवल पूंजी आएगी बल्कि नई तकनीक और रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे.

दूसरी सलाह व्यापारिक सुधारों से जुड़ी है. आईएमएफ ने कहा कि भारत को अन्य देशों के साथ व्यापार को और सुगम बनाना चाहिए. संगठन ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि दुनिया के 191 सदस्य देशों में से सिर्फ़ अमेरिका, चीन और कनाडा जैसे कुछ ही देश हैं, जो आक्रामक रूप से टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत को इस रास्ते पर न चलकर व्यापार के लिए अपने दरवाज़े और खोलने चाहिए. तीसरी और आख़िरी सलाह भविष्य के विकास के स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करने की है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी नई तकनीकें शामिल हैं.